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कोरोना का प्रभाव : मां वैष्णो देवी (Vaishno Devi) के दर्शन को नहीं जा सके भक्त

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जत्था अब 20 दिसंबर को जाएगा वैष्णोदेवी (Vaishno Devi)के दर्शन करने
इटारसी। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते जुलाई माह में इटारसी से कटरा (Katra) जाने वाली धार्मिक यात्रा स्थगित की गई है। 10 जुलाई को माता वैष्णोदेवी वैष्णोदेवी (Vaishno Devi)के दर्शन करने भक्तों का जत्था जाने वाला था। लेकिन, मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने के कारण इस यात्रा को फिलहाल स्थगित किया है। यदि स्थिति अनुकूल होती है तो अब 20 दिसंबर को मां वैष्णोदेवी (Vaishno Devi)के दर्शन करने भक्तों का जत्था जाएगा। वैष्णो देवी (Vaishno Devi) दर्शन यात्रा के संस्थापक सतीश बतरा (Satish Batra) ने बताया कि 42 वर्ष में यह पहला अवसर है, जब निर्धारित समय और तिथि पर यह निरंतरता टूटी है। चार दशक से भी अधिक समय तक अनवरत हर वर्ष जाने वाले जत्थे में अब तक 25 हजार से अधिक भक्त मां (Vaishno Devi) के दर्शन करने जा चुके हैं।
यात्रा संयोजक जतिन बतरा(Jatin Batra) का कहना है कि इस वर्ष इस धार्मिक यात्रा की तैयारी प्रारंभ हो गयी थी और कई भक्तों ने मां के दरबार में हाजरी लगाने की सहमति भी प्रदान कर दी थी। कोरोना महामारी के कारण मंदिर में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित होने के कारण यात्रा को फिलहाल स्थगित किया है। यदि परिस्थितियां अनुकूल हो जाती हैं तो 22 दिसंबर को मां के दर्शन करने भक्त कटरा में होंगे। 20 दिसंबर को यहां से जत्था रवाना होगा। यदि मंदिर में भक्तों का प्रवेश प्रारंभ हो जाता और ट्रेन नहीं भी चलती तो आज जत्था बसों से रवाना हो गया होता।

10 जुलाई तय थी तिथि
इस वर्ष मां वैष्णो (Vaishno Devi) के दर्शन करने जाने की तिथि 10 जुलाई, यानी आज जत्था रवाना होना था। बीते चार दशक में जुलाई माह की 10 तारीख से 14 तारीख के बीच जत्था कटरा के लिए झेलम या अंडमान एक्सप्रेस (Jhelan Andman Exress) से रवाना होता रहा है। इस वर्ष कोरोना महाकारी के कारण यह श्रंखला टूटी है। लेकिन, भक्तों को इसी वर्ष दर्शन कराये जा सकें, इसलिए दिसंबर में ही कार्यक्रम तय किया है। इससे पहले दशहरा और दीपावली के कारण परिस्थिति अनुकूल होने के बावजूद जाने का कार्यक्रम नहीं बनाया जा सकता है।

दिसंबर को बुलावा आएगा
संस्थापक सतीश बतरा (Satish Batra)कहते हैं कि उनको भरोसा है कि इसी वर्ष परिस्थितियां अनुकूल होंगी और मातारानी (Vaishno Devi) का बुलावा आएगा। भक्त इसी वर्ष माता के दरबार में हाजरी लगाने पहुंचेंगे। श्री बतरा ने बताया कि इस वर्ष विशेष ढोल पार्टी को ले जाने की योजना थी और बुकिंग की बात भी तय हो गयी थी। लेकिन, देशव्यापी लॉक डाउन (Lockdown) और मंदिरों में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगने के कारण यात्रा जुलाई माह में संभव नहीं हो सकी। श्री बतरा ने कहा कि हमारी योजना है, 20 दिसंबर को इस यात्रा को प्रारंभ किया जाए।

5 लोगों ने शुरू की थी यात्रा
साल 1978-79 में 5 लोगों के समूह ने माता वैष्णो देवी (Vaishno Devi) के दर्शनों की परंपरा शुरू की थी, फिर हर साल वैष्णो देवी जाना शुरू हो गया और संख्या बढ़ती रही। पहले वर्ष माता दर्शन को जाने वाले सतीश बतरा, अन्नू गुप्ता, बृजमोहन सैनी, रमेश भार्गव और मालवीय गुरूजी ने यात्रा शुरू की। अब हर वर्ष जत्था जाता है। ट्रेन में श्रद्धालुओं के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का भोजन और अगले दिन सुबह के नाश्ते की व्यवस्था होती है। बतरा परिवार के साथ अन्य भक्तों का इसमें विशेष सहयोग रहता है।

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