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खत्म नहीं हो रही है किन्नरों के बीच वर्चस्व की जंग

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तमन्ना के साथ पांच युवकों ने की मारपीट, थाने में हुई शिकायत
इटारसी। किन्नरों के बीच चल रहा वर्चस्व का संघर्ष किसी भी वक्त खूनी संघर्ष में बदल सकता है, क्योंकि अब किन्नरों की इस लड़ाई में भाड़े के लोग भी शामिल होने लगे हैं। आज किन्नर तमन्ना द्वारा पुलिस में की गई शिकायत से तो यही लगता है। तमन्ना के अनुसार उस पर किन्नरों के जिस गुट में वह वर्तमान में है, उसके एवज में 50 हजार की मांग करते हुए मारपीट की गई है। उसे बेसबॉल के डंडों से बुरी तरह मारा है. घटना सुबह 10 बजे की बतायी जा रही है। मामले में पुलिस को अपने रवैए में बदलाव लाकर सख्ती दिखानी होगी अन्यथा इस तरह की घटनाएं बढ़ सकती हैं। किन्नरों में पिछले करीब पांच माह से वर्चस्व को लेकर संघर्ष के मामले बढ़े हैं।
नाला मोहल्ला निवासी किन्नर तमन्ना का आरोप है कि आज सुबह करीब 10 बजे पांच युवकों ने हमला किया। इनमें से चार युवक नाला मोहल्ला के ही है जबकि एक बारह बंगला निवासी है। पुलिस में शिकायत दर्ज करायी गई कि उस पर सुंदरसिंह भदौरिया, भूरा भदौरिया ने घर में घुसकर मारपीट की। युवकों का कहना है कि पांची के साथ रहने के एवज में उसे 50 हजार रुपए देने पड़ेंगे। तमन्ना ने रेशम गुट छोड़कर पांची गुट के साथ रहना शुरु किया है। इन दो युवकों द्वारा मारपीट के दौरान ही तीन अन्य युवक इंदू, राजन और धर्मेन्द्र ने भी आकर बेसबाल के डंडों से उस पर हमला कर दिया। इनमें धर्मेन्द्र को 12 बंगला और शेष को नाला मोहल्ला निवासी बताया जा रहा है। पुलिस ने तमन्ना की शिकायत पर आरोपी युवकों के खिलाफ धारा 52, 294,323, 327, 506 आईपीसी का प्रकरण दर्ज किया है।
पिछले माह हुआ था दो गुटों में विवाद
पिछले माह 9 दिसंबर को सिंधी कॉलोनी में पांची देशमुख व उनके साथी बधाई लेने के लिए गए थे, इसकी सूचना होशंगाबाद के रेशम ग्रुप को लगी तो वे भी यहां आ गए और दोनों गुटों में मारपीट तक हो गई थी। उस वक्त मामला थाने में पहुंचा था तो दोनों गुटों को परिवार परामर्श केन्द्र में बिठाकर समझाइश दी थी और दो माह तक नई इटारसी में किसी ग्रुप द्वारा वसूली नहीं करने पर सहमति बन गई थी। इसके बाद फिर एक बार दोनों गुटों में विवाद हुआ और मामला थाने पहुंचा था। ये इसी संघर्ष के परिणाम की तीसरी घटना है।
ये है किन्नरों के बीच का विवाद
दरअसल, होशंगाबाद-इटारसी में कुछ समय पहले तक किन्नर समुदाय के गुरु रम्मो के संरक्षण में ही बधाईयां ली जाती थी। होशंगाबाद के ग्रुप का कहना है कि रम्मो ने स्वर्गवास से पहले अपने 6 प्रमुख चेलों में होशंगाबाद-इटारसी के बधाई क्षेत्रों का विभाजन कर किया था। विभाजन के बाद इटारसी के ग्रुप को पुरानी इटारसी और आसपास के गांव की जिम्मेदारी थी जबकि होशंगाबाद के ग्रुप को होशंगाबाद और शेष इटारसी का हिस्सा मिला था। लेकिन इटारसी का ग्रुप पूरे शहर में वसूली करता है जो गलत है। जबकि इटारसी ग्रुप की गुरु पांची का कहना है कि गुरु ने अंतिम वक्त में इटारसी की वसूली उसे और होशंगाबाद की वसूली होशंगाबाद के गुरुभाईयों को दी थी। यही वजह इस संघर्ष की बन रही है।

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