खबर अपडेट : पूरी ताकत से पीठ पर मारी थी गेंती, सौभाग्य से बच गए जेई

Post by: Manju Thakur

इटारसी। ग्राम धौंखेड़ा में बिजली चोरी की शिकायत पर कार्यवाही करने पहुंचे गुर्रा सब स्टेशन के जेई अरुण चंदेले एवं उनकी टीम पर एक किसान ने गेंती से जानलेवा हमला कर दिया। घटना में श्री चंदेले को पीठ में गंभीर चोट आयी है। जेई अरुण पिता सुरेश चंदेले का कहना है कि किसान ने उनकी पीठ पर जानलेवा हमला किया है। किसान ने पूरी ताकत से गेंती मारी थी, सौभाग्य से वे बच गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम धोखेड़ा में बिजली कंपनी के गुर्रा सब स्टेशन के जेई अरुण चंदेले बिजली चोरी पकडऩे गए थे। इस दौरान सुबह करीब 11 बजे वे रामहरक चौरे के खेत में चोरी का प्रकरण बना रहे थे कि किसान पूनम चौरे ने उन पर गेंती से किया हमला कर दिया। जेई को खबर मिली थी कि धोखेड़ा में एक खेत में चोरी की बिजली से पानी की मोटर चल रही है। जिसे जेई श्री चंदेले जब्त करने पहुंचे थे। घटना के बाद जेई ने मामले की शिकायत सिटी थाने में की है। पुलिस ने अरुण कुमार पिता सुरेश चंदेले 32 वर्ष निवासी गांधीनगर की शिकायत पर आरोपी पूनम पिता रामहरक चौरे निवासी धौंखेड़ा के खिलाफ धरा 353, 332, 294 का प्रकरण पंजीबद्ध किया है अभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

कुछ दिन पूर्व ही हुए हैं कार्रवाई के निर्देश
अभी इसी माह की शुरुआत में ऐसे लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जो ड्यूटी के दौरान बिजली विभाग के कर्मचारियों से मारपीट या हमला करता है। बावजूद इसके इस तरह की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। विद्युत वितरण कंपनी के मैदानी कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने सरकारी कार्यो के दौरान आमजन की नाराजी का सामना करना पड़ता है। इस दौरान उनके साथ मारपीट औरर दुव्र्यवहार की घटनाएं होती हैं। इन घटनाओं को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने गंभीरता से लेते हुए कानूनी कार्यवाही करने का निर्णय लिया है।
कंपनी का कहना है कि आम तौर पर देखने में आ रहा है कि बिजली कर्मियों पर ड्यूटी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा मारपीट/दुव्र्यवहार किया जा रहा है। चूंकि ऐसी घटनाएं विद्युत अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल गिराती हैं, इसलिए कंपनी के कार्य क्षेत्र में कार्यरत सभी नियंत्रणकर्ता अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह मैदानी अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ होने वाली दुव्र्यवहार या मारपीट की घटनाओं को पूरी गंभीरता से लें इस संबंध में मैदानी महाप्रबंधकों-उपमहाप्रबंधकों को निर्देशित किया है कि वह अपने कार्यक्षेत्र में विगत 5 वर्ष में कंपनी के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट के मामलों में पुलिस थाने में दर्ज और कोर्ट में विचाराधीन मुकदमों की समीक्षा भी करें।

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