पथरोटा स्थित बिहारी कालोनी में नहर किनारे लगा मेला
इटारसी। उत्तर भारतीय समुदाय के हजारों लोगों ने आज बिहारी कालोनी पथरोटा में तवा नहर किनारे छठ पर्व मनाया। इस दौरान बड़ी संख्या में उपासकों ने नहर के पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया तथा पूजा-अर्चना की। नहर के किनारे ही छठी मैया की पूजा के लिए पंडाल लगाया गया था। इस दौरान जनप्रतिनिधियों, नेताओं और गणमान्य नागरिकों ने भी पहुंचकर छठी मैया से आशीर्वाद और मन्नत मांगी। भगवान सूर्य की उपासना का पर्व छठ बड़ी ही श्रद्धा के साथ चार दिन मनाया जाता है।
आज तीसरे दिन पथरोटा नहर पर लगे छठ मेले में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा, नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सुधा अग्रवाल, पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल, सभापति राकेश जाधव, नगर कांग्रेस अध्यक्ष पंकज राठौर, जिला पंचायत सदस्य विजय बाबू चौधरी भी पहुंचे और छठी मैया की पूजा कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान डॉ. शर्मा ने उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों को छठ पर्व की शुभकामनाएं दीं तथा नहर पर आने वाले दिनों में घाट बनाने की योजना बतायी।
अगले वर्ष नपा व्यय करेगी
नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सुधा अग्रवाल ने कहा कि आगामी वर्ष में छठ पर्व के लिए नगर पालिका भी कुछ सहयोग करेगी। इसके लिए परिषद में एक प्रस्ताव लाकर इस पर्व को बड़े मेले का रूप दिया जाएगा और शहर को इस पर्व के विषय में अधिक से अधिक जानकारी हो, ऐसे प्रयास किए जाएंगे। विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल ने कहा कि छठ मेले को विशाल रूप देने के लिए उत्तर भारतीय समुदाय को जिस भी प्रकार की मदद की जरूरत होगी, नगर पालिका परिषद के माध्यम से सहयोग दिलाया जाएगा।
छठ व्रत के लाभ से जुड़ी मान्यताएं
छठ के व्रत के साथ कई तरह की मान्यताएं भी जुड़ी हैं, जिनमें से एक है संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को लाभकारी मानना। मान्यता है कि जिन लोगों को संतान न हो रही हो उन्हें यह व्रत करने से संतान प्राप्त होती है। इसके अलावा संतानवान लोग भी अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए यह व्रत करते ह। क्योंकि छठ सूर्य की उपासना का पर्व है, इसलिए मान्यता यह भी है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति खराब होने पर या राज्य पक्ष से समस्या होने पर इस व्रत को रखने से लाभ होता है। छठ रखने वाले भक्तों की मानें तो कुष्ठ रोग या पाचन तंत्र की समस्या से परेशान लोगों को भी यह व्रत रखने से लाभ मिलता है। मान्यता के अनुसार जिन लोगों को संतान पक्ष से कोई कष्ट हो तो ये व्रत उनके लिए लाभदायक होता है।