जगमगा उठे हजारों दीप, जमकर हुई आतिशबाजी

Post by: Manju Thakur

नहीं हुआ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन
इटारसी। उजाले और धमाकों का पर्व दीवाली पर देर रात तक जमकर पटाखे चले और आतिशबाजी से आसमान चमक उठा। आंगन में हजारों की संख्या में दीप जगमगा रहे थे। देर शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा के बाद लोगों ने अपने घरों के सामने असंख्य दीयों की कतार सजा दी थी तो लग रहा था कि आकाशगंगा धरती पर उतर आयी हो। पूजा के बाद पटाखे चलाने का सिलसिला देर रात तक चला और इस त्योहार पर कोर्ट के आदेश का कोई असर नहीं दिखा। पुलिस ने भी त्योहार मनाने से किसी को नहीं रोका।
सारा शहर रोशनी से नहा उठा और चारों तरफ खुशियां और उमंग छा रही थी। रंग बिरंगी झालरों से घर, दफ्तर और दुकानें जगमग हो रही थीं। दीपावली पर लोगों ने घरों और प्रतिष्ठानों पर विधि विधान से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के बाद घरों में पूजा किया। पूजा के बाद आतिशाबाजी का सिलसिला शुरू हुआ। रंग बिरंगी आतिशबाजी से आसमान चमक उठा।

रोशन हो गयी अमावस की रात
दीपावली पर आतिशबाजी और असंख्य दीयों की रोशन, विद्युत झालरों के प्रकश से अमावस की काली रात भी रोशन हो उठी थी। त्योहार को लेकर लोगों में उल्लास था। व्यापारियों ने पहले अपने प्रतिष्ठान में मां लक्ष्मी व गणेश की पूजा की फिर अपने घरों में। पूजा-अर्चना के बाद देर रात पटाखों की आवाज से शहर गूंजता रहा। दीपावली के दिन बच्चों ने जमकर आतिशबाजी की। कोई रंग-बिरंगे रोशनी वाले अनार चला रहा था, तो कोई तेज आवाज वाले पटाखे फोड़ रहा था।

दिन में जमकर हुई खरीदारी
दिन में लोगों ने पूजा के सामान, मिठाइयां और पटाखों के साथ लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की प्रतिमाएं खरीदी। खरीदारी के लिए सुबह से लेकर देर शाम तक बाजार गुलजार रहे। शाम होते ही लोगों ने दीप और मोमबत्तियों की रोशनी से घर, आंगन जगमग कर दिया। शाम शुभ मूर्हुत पर घर और दुकानों में गणेश लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की गई। दीपों की रोशनी से घर का कोना-कोना रोशन हो उठा। ग्रामीण इलाकों में तो कुछ लोगों ने घरों पर सरसों के तेल के दीये जलाए।

काम न आई प्रशासन की चेतावनी
प्रशासन द्वारा कोर्ट के आदेश के मद्देनजर रात दस बजे तक ही पटाखा छोडऩे की इजाजत दी गई थी लेकिन एक बजे रात तक पटाखों की आवाज गूंजती रही। देर शाम को 7:30 बजे के बाद से पटाखों की आवाज सुनाई देने लगी थी और दस बजे रात के बाद तो पटाखों की आवाज कम होने की बजाय और बढ़ गई थी। ऐन दीवाली के दिन और दूसरे दिन भी पटाखे देर रात तक चले और आसमान पर आतिशबाजी भी की गई। हालांकि पुलिस गलियों में घूमी लेकिन किसी को नहीं रोका।

छठ पूजा मंगलवार को
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उत्तर भारतीय परिवार सूर्य की उपासना का पर्व छठ पूजा का आयोजन पथरोटा स्थित नहर पर करेंगे। उत्तर भारतीय समाज के वरिष्ठ सदस्य और अधिवक्ता रघुवंशी पांडेय ने बताया कि उत्तर भारत का महान पर्व छठ पूजा इस वर्ष 13 नवंबर को पथरोा मुख्य नहर पर मनाया जायेगा। चार दिनों का यह पर्व 11 नवंबर को नहाय खाय से शुरु होकर 14 नवंबर को सूर्योदय के साथ अघ्र्य से समाप्त होगा। 12 की शाम एवं 13 नवंबर को सुबह घाट की सफाई होगी।

सैनिकों के नाम जलाए दीप
जहां लोगों ने अपनी खुशी के लिए दीवाली मनायी वहीं एक ग्रुप ऐसा भी था जिसने देश के सैनिकों के नाम दीवाली पर्व मनाया। नरेंद्र नगर वार्ड 33 के युवाओं ने सीमा के पहरेदारों के नाम एक दीप शहीदों के नाम जलाया। सभी ने सैनिकों और उनके परिजनों की रक्षा के लिए दीप जलाकर प्रार्थना की। इस अवसर पर श्याम, मनोज पटेल, कृष्णकांत शर्मा हेमंत वर्मा, ऋषि दुबे, संतोष दुबे, मोहित चौरे, शैलेन्द्र सिगनारे, उमाकांत चोरसिया, सुनील लोवंशी, बनवारी जवाहर एवं युवा मौजूद थे।

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