इटारसी। हरदा के किसानों की मांग पर जल संसाधन विभाग ने शुक्रवार की शाम को 4 बजे बायीं तट मुख्य नहर में 300 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है। हालांकि माना जा रहा है कि यह पानी 10 अप्रैल के बाद छोड़ा जाना चाहिए था। बावजूद इसके हरदा के किसानों ने मांग की थी, अत: यह पानी छोडऩे का निर्णय लिया है। नहरों में पानी छोडऩे के बाद होशंगाबाद जिले में खेतों में खड़ी फसलों को खतरा उत्पन्न हो गया है। क्योंकि अभी बड़े रकबे में गेहूं की फसल खड़ी है और माना जा रहा है जिनकी फसल कट चुकी है, वे मूंग की बुवाई के लिए कहीं नरवाई में आग लगाना न शुरु कर दें। यदि ऐसा हुआ तो खेतों में आग की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
हरदा जिले में फसल की बोवनी पहले होती है और कटाई भी पहले ही हो जाती है। अब वहां किसान मूंग की बुवाई करने की तैयारी में हैं, तथा पानी की मांग होने लगी है। पहले 1 अप्रैल को पानी छोड़ा जाना था। लेकिन, इसे निरस्त कर दिया था। हरदा जिले के किसान इससे नाराज हो गये थे और राजनैतिक नेतृत्व के मार्फत पानी की मांग की और आखिरकार 3 अप्रैल को शाम 4 बजे जल संसाधन विभाग को पानी छोडऩा ही पड़ा। आज करीब 300 क्यूसेक पानी छोड़ा है, जिसे शनिवार को सुबह 8 बजे 800 क्यूसेक किया जायगा। इस मामले में अधीक्षण यंत्री तवा परियोजना एसके सक्सेना का कहना है कि किसानों द्वारा लगातार की जा रही मांग के कारण संभागीय आयुक्त के निर्देश पर यह फैसला लिया गया है।
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तवा बांध से नहर में हरदा के लिए छोड़ा पानी

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