इटारसी। जहां एक और देश कोरोना संक्रमण से जुझ रहा है। गरीब दो वक्त के भोजन के लिए परेशान है। मेडिकल स्टोर और थोक दवा विक्रेताओं के पास आवश्यक जीवनदायनी दवाओं का स्टॉक खत्म हो चला है। नौनिहालों को गाय का दूध नहीं मिल पा रहा है। किराना सहित सब्जियां आम आदमी को नहीं मिल पा रही है। गरीब, मज़दूर, और मध्यवर्गीय जनता परेशान है। लेकिन सरकार को शराब व्यापार से होने वाली आय की चिंता सता रही है।
यह बातें नर्मदांचल से जुड़े प्रदेश कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कही। श्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा शासित शिवराज सरकार के दो चेहरे हैं। एक मे वह स्वयं को गऱीब, मजदूर और मध्यमवर्गीय जनता का शुभचिंतक बताती है, तो दूसरी और शराब दुकान खोलने के आदेश जारी कर भूखी परेशान जनता के मुंह पर करारा तमाचा मारने का काम करती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि दो वक्त की रोटी के लिए परेशान मजदूरों से रेल किराया मांगना भाजपा और उसकी सरकार की कथनी और करनी के अंतर दर्शाता है। जबकि कांग्रेस ने हमेशा से ही गरीब, मजदूर, मध्यमवर्गीय जनता की आवाज को बुलंद किया है। हमेशा इसी वर्ग के उत्थान के लिए कार्य किया है और संक्रमण के समय मे भी इस वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, जिसका स्पष्ट उदाहरण इसी से लिया जा सकता है कि मजदूरों को अपने घर पहुंचाने का जिम्मा अब कांग्रेस ने अपने ऊपर ले लिया है। जिसके तहत अब मजदूरों का पूरा रेल किराया कांग्रेस पार्टी देगी, जिसकी अधिकृत घोषणा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा की गई है।
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दूध, दवा और अनाज की जगह दारू दुकान खोलना शर्मनाक : अग्रवाल

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