इटारसी। तहसील इटारसी के किसानों से बुधवार को दोपहर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद प्रारंभ हो गयी है। इटारसी तहसील के लिए कृषि उपज उपमंडी रैसलपुर को खरीद केन्द्र बनाया गया है। पहले दिन यहां कलेक्टर ने भी पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और किसानों तथा खरीद कर रही सोसायटी तथा मंडी के प्रबंधन से चर्चा कर बेहतर व्यवस्थाएं देने के लिए ताकीद किया।
अपनी मांगों को लेकर समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करने की चेतावनी देने वाले प्राथमिक सहकारी समितियों के कर्मचारियों की कलेक्टर से बातचीत के बाद आखिरकार वे समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करने तैयार हो गये और बुधवार से मंडियों में धान की खरीद भी प्रारंभ हो गयी है। बुधवार को दोपहर डीआर बीएस परते ने कृषि उपज मंडी की उपमंडी रैसलपुर में तौलकांटों की पूजा करके धान की खरीद का कार्य प्रारंभ कराया। इस अवसर पर कृषि मंडी के सचिव उमेश बसेडिय़ा शर्मा, सहायक संचालक कृषि राजीव यादव, सोनतलाई सोसायटी के प्रबंधक राजीव दीवान, जमानी सोसायटी के प्रबंधक भूपेन्द्र दुबे सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
पहले दिन 340 क्विंटल खरीद
पहले दिन सहकारी समिति जमानी ने तीन किसानों का 340 क्विंटल धान की खरीद की है। किसानों से साफ सुथरा धान लाने को कहा जा रहा है ताकि धान खरीदी में कोई परेशानी न आए। इसके साथ ही खरीद केन्द्र पर छन्ना भी लगाया गया है, ताकि यदि कोई किसान बिना छाने धान ले भी आता है तो यहां उसकी उपज को छाना जाएगा और इसके बाद ही उस धान की खरीदी की जाएगी। बिना छना अनाज नहीं खरीदी जाएगी और छन्ना लगाने के बाद उसे खरीद के लायक बनाया जाएगा।
कलेक्टर ने देखी व्यवस्थाएं
दोपहर के बाद कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह भी रैसलपुर उपमंडी में बने इटारसी तहसील के खरीद केन्द्र का निरीक्षण करने पहुंचे। कलेक्टर ने यहां पहुंचकर किसानों से बातचीत भी की। उन्होंने मंडी सचिव उमेश बसेडिय़ा से भी व्यवस्था संबंधी बातचीत करके किसानों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यदि किसान के अनाज में मिट्टी या कचरा जैसा कुछ दिखता है तो उसे वापस करने या रिजेक्ट करने की बजाए यहां लगे छन्ने से छाना जाए ताकि वह खरीद के मापदंड में आ सके।
कटे-फटे वारदाने आए
रैसलपुर कृषि उप मंडी में जमानी सोसायटी को समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करने के लिए जो वारदाने मिले हैं, उनमें चालीस फीसदी कटे-फटे हैं। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की जानकारी में यह बात लायी गयी तो उन्होंने कहा कि ऐसे वारदाने अलग करके पंचनामा बनायें और उनको वापस करें। किसी भी हालत में कटे-फटे वारदानों में धान की खरीदी न की जाए। समिति को फिलहाल पांच हजार पुराने वारदाने धान की खरीद के लिए प्राप्त हुए हैं जिनमें से चालीस फीसदी के कटे-फटे होने की जानकारी है।
इनका कहना है…!
आज दोपहर बाद कलेक्टर आये थे, उन्होंने धान खरीदी कार्य की जानकारी ली और किसानों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने मंडी परिसर में छन्ना लगाने और कटे-फटे वारदाने पंचनामा बनाकर वापस करने को भी कहा है।
उमेश बसेडिय़ा शर्मा, मंडी सचिव
हमको धान की खरीद करने के लिए जो वारदाने प्राप्त हुए हैं, उनमें से चालीस फीसदी कटे-फटे हैं। हम उनकी छंटनी करा रहे हैं। कटे-फटे वारदानों का पंचनामा बनाकर उनको वापस किया जाएगा।
भूपेन्द्र दुबे, प्रबंधक जमानी सोसायटी