इटारसी। तवानगर में संचालित दो स्व सहायता समूहों द्वारा मजदूरी कराने के बाद भुगतान नहीं करने की शिकायत पर जांच के लिए बुधवार को केसला ब्लाक से पंचायत समन्वय अधिकारी ने जाकर शिकायत करने वाली महिलाओं के बयान दर्ज किये हैं। खास बात यह है कि इन समूहों को सदस्य महिलाओं से मजदूरी कराने का कोई अधिकार ही नहीं था, क्योंकि योजना में मजदूरी को कोई प्रावधान ही नहीं था। बावजूद इसके समूहों ने गुड़पट्टी बनवाकर महिलाओं को मजदूरी का भुगतान ही नहीं किया। अब महिलाएं शिकायत लेकर उच्च अधिकारियों तक पहुंचीं तो जांच प्रारंभ हुई।
तवानगर पहुंचे पंचायत समन्वय अधिकारी जयसिंह मीना ने शिकायत करने वाली महिलाओं के साथ ही स्वसहायता समूह जन जागृति और संजीवनी समूह की अध्यक्ष और सचिवों के भी बयान दर्ज किये हैं। श्री मीना का कहना है कि वे अपने आला अधिकारियों को रिपोर्ट बनाकर पेश करेंगे। इसके बाद जो भी निर्णय होगा, उच्च अधिकारी ही तय करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिस योजना में मजदूरी कराने की बात की जा रही है, उसमें मजदूरी कराने का प्रावधान ही नहीं है।
ये है पूरा मामला
यह मामला वर्ष 2017-18 का है, जब तवानगर के दो महिला समूहों जनजागृति समूह और संजीवनी समूह को गुड़पट्टी निर्माण का काम मिला था। इन समूहों के अध्यक्ष, सचिव और एनआरएलएम के अधिकारी धर्मेन्द्र गुप्ता और अखिलेश कटलाना ने कुछ महिलाओं सेे 4500 रुपए प्रति माह की मजदूरी पर काम कराया। किसी महिला ने दो माह, किसी ने चार, छह और आठ माह तक गुड़पट्टी बनाने का काम किया। दो वर्ष से अधिक वक्त बीत गया है, लेकिन इनको मजदूरी के नाम पर एक रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया है। इन महिलाओं ने जब भी अपने पैसे की मांग की है, इनको कोई न कोई बात कहकर चुप करा दिया गया।
दो लाख रुपए प्राप्त हुए समूह को
पता चला है कि समूहों के खातों में दो लाख रुपए शासन से मिले हैं। लेकिन, श्रम करने वाली महिलाओं ने जब भी यह पूछा कि शासन से समूहों को कितने रुपए मिले तो अध्यक्ष और सचिव ने किसी न किसी बहाने से चुप करा दिया। महिलाओं का कहना है कि वे भी समूह से जुड़ी हैं और उनको पूरा अधिकार है कि वह ये जानें कि शासन ने हमें रोजगार करने के लिए कितना पैसा दिया है। उन्होंने जब बार-बार इसकी जानकारी मांगी तो धर्मेन्द्र गुप्ता, अखिलेश कटलाना और दोनों समूहों की अध्यक्ष और सचिवों ने पैसा नहीं आया कहकर गुमराह किया। ये लोग विगत दो वर्षों से महिलाओं को किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
आठ क्विंटल गुड़पट्टी हो गयी खराब
महिलाओं ने जब भी अपने पैसे के लिए मांग की तो इनको कभी भी यह नहीं कहा कि इनकी बनायी गुड़पट्टी खराब हो गयी। जब सूचना के अधिकार के अंतर्गत रीता सिंह ने जानकारी मांगी तो समूह अध्यक्ष मीनाक्षी चेके और सचिव रेखा नागले ने ग्राम संगठन अध्यक्ष को जवाब दिया कि उन महिलाओं द्वारा बनायी गयी 8 क्विंटल गुड्पट्टी खराब हो गयी। महिलाओं का कहना है कि यदि गुड्पट्टी खराब हुई तो इसका प्रस्ताव क्यों नहीं बना, इनको इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई, यदि खराब हुई तो किनके सामने उनको नष्ट किया गया। जब सूचना के अधिकारी के अंतर्गत जानकारी मांगी गयी तभी गुड्पट्टी खराब होने की बात क्यों की जा रही है?
ये महिलाओं की मांग
बुधवार को जब पंचायत समन्वय अधिकारी जयसिंह मीना पहुंचे तो शिकायत करने वाली महिलाओं ने अपने कथन दर्ज कराये और मांग की है कि किस समूह के खाते में गुड्पट्टी निर्माण का पैसा आया है, उस खाते की जांच की जाए, यह बताया जाये कि 8 क्विंटल गुड़पट्टी खराब क्वालिटी की कहां और किसके सामने नष्ट की है, इसकी जांच की जाए, इसका प्रस्ताव क्यों नहीं लिया, गुड़पट्टी निर्माण के लिए जो बर्तन आये थे उनकी जानकारी और रसी की जांच की जाए। महिलाओं का कहना कि उन्होंने जो मजदूरी की है, उसका पैसा उनको शीघ्र दिलाया जाए। महिलाओं का कहना है कि उनके साथ अन्याय किया गया है, न्याय दिलाया जाए।
इनका कहना है…!
तवानगर के दो स्वसहायता समूहों ने दो वर्ष पूर्व गुड़पट्टी बनायी थी। जिन महिलाओं ने गुड़पट्टी बनायी थी, उन्होंने मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत की थी, उसकी जांच करने गये थे। योजना में मजदूरी का कोई प्रावधान ही नहीं है। शिकायत करने वाली महिलाओं और समूहों के अध्यक्ष, सचिवों के कथन दर्ज किये हैं। रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेंगे।
जयसिंह मीना, पंचायत समन्वय अधिकारी केसला