इटारसी। विगत 31 जनवरी को जयस्तंभ चौक पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और पुतला दहन का लेकर पुलिस ने दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने एनएसयूआई के नगर अध्यक्ष की ओर से शिकायत के बाद निवृतमान पार्षद राकेश जाधव और विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा की ओर से राजेन्द्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी को जब भारतीय जनता पार्टी के सदस्य विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा के नेतृत्व में जयस्तंभ चौक पर प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के पक्ष में धरना दे रहे थे, तभी एनएसयूआई के सदस्य, युवक कांग्रेस अध्यक्ष मयूर जायसवाल के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का पुतला दहन करने जयस्तंभ के पास पहुंच गये। उनकी नारेबाजी के बाद भाजपा कार्यकर्ता और पुलिस कर्मियों ने उनको रोका तो दोनों ओर से जमकर धक्कामुक्की, नारेबाजी और झड़प हुई। पुलिस ने पुतला छीनकर अपने वाहन में रख लिया। एनएसयूआई कार्यकर्ता जमीन पर बैठकर नारेबाजी करने लगे, इस बीच भाजपा के धरना स्थल के साइड में पुतला जला जिसे कांग्रेसियों ने सीएम कमलनाथ का पुतला कहकर पुलिस पर आरोप लगाये। करीब चार घंटे चली राजनीतिक ड्रामेबाजी के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों से आवेदन लिये थे और 4 फरवरी को दोनों पक्षों के सदस्यों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया।
पुलिस ने मयंक चौरे की शिकायत पर राकेश जाधव, अभिषेक तिवारी और दो अन्य के खिलाफ सीएम का पुतला दहन करने और गालियां देने सहित शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण पंजीबद्ध किया है तो विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा की ओर से राजेन्द्र सिंह तोमर और अन्य साथियों के खिलाफ बिना अनुमति पुतला दहन करने और गाली गलौज करने का प्रकरण पंजीबद्ध किया।
पुलिस की इस कार्यवाही पर विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि पुलिस ने यह एकतरफा कार्रवाई की है। हम इस तरह का अन्याय सहन नहीं करेंगे। हम सड़क पर और अदालत में भी लड़ेंगे और ये धाराएं निरस्त कराएंगे। कांग्रेसियों पर हल्की धाराएं लगी हैं। झगड़ा कांग्रेस ने किया और मुकदमे हम पर बन रहे हैं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि इसी तरह से एकतरफा कार्रवाई की गई तो हम जिले का प्रशासन ठप कर देंगे। इधर इस मामले में युवक कांग्रेस के अध्यक्ष मयूर जायसवाल ने कहा कि अभी हमें पुलिस की कार्रवाई की संपूर्ण जानकारी नहीं है, जहां तक हमारे साथियों पर प्रकरण की बात है तो हम तो अपना राजनीतिक धर्म निभा रहे थे, इस दौरान हमने किसी के कार्य में कोई बाधा नहीं पहुंचायी। रही बात मामले की तो हम अपने कानूनी सलाहकारों से चर्चा करके आगे जो भी उचित होगा कदम उठाएंगे।