इटारसी। आम लोगों में हमेश लठ चलाती पुलिस की छबि आज दो मामलों में टूटी है और दोनों मामलों में पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। एक वाकया होशंगाबाद का है तो एक इटारसी का। इसमें दो पुलिस अफसरों ने बीमारी से जूझ रहे लोगों को उपचार उपलब्ध कराने में अपनी महती भूमिका अदा की है।
पहली घटना दोपहर में सामने आयी जब होशंगाबाद यातायात पुलिस के सूरज जामरा ने हाथ ठेले पर एक बुजुर्ग को ले जाते दो लोगों को देखा। जब उन्होंने रोककर जानकारी ली तो पता चला कि बुजुर्ग के साथ उसके बेटी और दामाद हैं, जो उसका पैर फ्रैक्चर होने पर उसे अस्पताल ले जा रहे हैं। तत्काल श्री जामरा ने बुजुर्ग को अपने वाहन ले शिफ्ट किया और उनको एक निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया। बताया जाता है कि ये लोग एम्बुलेंस नहीं मिलने पर हाथ ठेले से जिला अस्पताल से बुजुर्ग को निजी अस्पताल ले जा रहे थे।
डीआईजी ने करायी व्यवस्था
दूसरी घटना में इटारसी के जीन मोहल्ला निवासी एक मरीज को डायलिसिस के लिए नर्मदा अस्पताल होशंगाबाद जाना था। चूंकि जीन मोहल्ला कंटेन्मेंट क्षेत्र है। ऐसे में पुलिस उनको होशंगाबाद जाने की अनुमति नहीं दे रही थी। मामला जब डीआईजी अरविंद सक्सेना के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल मरीज जावेद को होशंगाबाद भेजने की सभी व्यवस्थाएं करायीं। मरीज होशंगाबाद पहुंच चुका है और वहां उसकी डायलिसिस की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गयी है।
जुग-जुग जियो बेटा
मददगारों की इसी श्रंखला में इटारसी नगरपालिका के इंजीनियर आदित्य पांडे को जब पता चला कि हाजी मंजिल के पास एक अम्मा दो दिन से केवल रोटी नमक के साथ खा रही है, तो आदित्य पांडे ने अपने खर्च पर भोजन किट अम्मा को जाकर प्रदान किया। राशन मिलने पर अम्मा बोली जुग जुग जियो बेटा।