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पुलिस ने सुलझाई आदिवासी की हत्या की गुत्थी

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सिवनी मालवा। पुलिस ने नवंबर माह में हुई सुखराम आदिवासी की हत्या की गुत्थी सुलझाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या की वजह जादू-टोने का संदेह होना बताया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार 18 नवंबर को सुधराम पिता सुखराम कोरकू, निवासी चागड़ी घड़ई ने थाने में आकर शिकायत की थी कि उसके पिता सुखराम 8 नवंबर को एकादशी का त्योहार मनाने ग्राम सामरधा गया था। इसी दौरान यहीं के रहने वाले हरिराम से जादू-टोने को लेकर विवाद होने के बाद हरिराम ने सुखराम को आम के पेड़ से बांध लिया था। सुधराम ने बताया कि उसकी मां सल्लोबाई और भाई अजय ने जाकर उसके पिता को हरिराम के कब्जे से छुड़ाया और अपने साथ घर लाये थे। तभी से हरिराम उसके पिता को मारने की तलाश में रहता था।
यह बताया घटनाक्रम
एक दिन हरिराम तथा सामरधा के मनीराम, गंजन, शंकर और दुर्गू ने मिलकर भाजी नदी के पास शराब पीयी थी और इसी दौरान सुखराम का भी वहां जाना हो गया। सभी ने उसे पुरानी रंजिश को लेकर पकड़ा और हरिराम ने लाठी से उसके सीने पर वार कर दिया। एक ने पैर पकड़े और दो लोगों ने सुखराम के गले में डाले गमछे से उसका गला घोंटकर मारा और एक कंबल में लपेटकर जूनापानी नाला मिर्चीखो के जंगल में ले जाकर पत्थरों के नीचे दबा दिया। इसके बाद सभी अपने घर वापस आ गये। 19 दिसंबर को ग्राम कामठा एवं चागड़ी घड़ई के करीब दो दर्जन लोग सुखराम की तलाश में मिर्चीखो के जंगल में नदी-नाले के किनारे घूम रहे थे कि पत्थरों के नीचे सुखराम का कंकाल दिखा। तब पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को बाहर निकाला। परिजनों ने कपड़े और गमछे के आधार पर सुखराम की पहचान की।
पुलिस को मिली सफलता
घटना की सूचना के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उपनिरीक्षक आकाश शर्मा ने विवेचना प्रारंभ की। एसपी एमएल छारी, एसडीओपी एसएल सोनिया के मार्गदर्शन एवं टीआई अजय तिवारी के नेतृत्व में आकाश शर्मा के साथ उपनिरीक्षक दीपक शर्मा, सहायक उपनिरीक्षक आरसी खातरकर, प्रधान आरक्षक सुरजीत ठाकुर, आरक्षक मनोज रघुवंशी, रामस्वरूप दायमा, सुशील मिश्रा, हेमंत, बसंत लोंगरे, मुकेश झाड़े, अतुल विश्वकर्मा, बलराम बट्टी, सतीश कुशवाह, पवन तिवारी, मूलचंद रघुवंशी ने अंधेकत्ल का राजफाश करने में अपनी अहम भूमिका निभाई। परिजनों द्वारा जताये संदेह के आधार पर पांचों आरोपियों की तलाश प्रारंभ की। इस दौरान 26 दिसंबर को मनीराम, हरिराम, गंजन और शंकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो चारों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। पुलिस ने इनको गिरफ्तार किया और हरिराम से एक लाठी भी जब्त की। अभी एक आरोपी दुर्गू की तलाश की जा रही है जो फिलहाल फरार है।

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