इटारसी। शासकीय एमजीएम कालेज में अब तक प्रोफेसर्स के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान छात्रों तक पहुंच गई है।
आज सुबह एनसीसी कैडेट्स और अन्य छात्रों ने मप्र विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा के पास पहुंचकर प्राचार्य डॉ.प्रमोद पगारे के विरोध में ज्ञापन दिया। इसे पिछले दिनों एनसीसी प्रभारी मेजर धीरेन्द्र शुक्ल के खिलाफ शुरु हुई जांच के जवाब में जोड़कर देखा जा रहा है।
अब तक भीतर ही भीतर सुलग रही आग की आंच अब ऊपर आने लगी है। इसकी शुरुआत कालेज में पिछले दिनों छात्र-छात्राओं को राज्य की योजना के तहत स्मार्ट फोन वितरण कार्यक्रम से हुई थी। उस दिन भी जनभागीदारी समिति ने प्राचार्य डॉ. पगारे पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद मेजर शुक्ल के विरोध में जांच शुरु हुई और अब एनसीसी कैडेट्स ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा को ज्ञापन देकर प्राचार्य पर आरोप लगाए।
डॉ. शर्मा ने मिलने पहुंचे एनसीसी कैडेट्स और छात्र-छात्राओं ने कहा कि कालेज में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति करायी जाए क्योंकि अस्थायी प्राचार्य डॉ पगारे के कई कार्यों और व्यवहार से वे असंतुष्ट हैं। उनका छात्र-छात्राओं से बात करने का लहज़ा, व्यवहार और कालेज में गुटबाजी को बढ़ावा देने से वातावरण खराब हो रहा है। इस मामले में जब प्राचार्य डॉ. पीके पगारे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरा इस विषय से कोई लेना-देना नहीं है, कुछ पुरानी बातों को लेकर जो भी हो रहा है उसमें बच्चों को इन्वाल्व करना ठीक नहीं। रही बात मुझे हटाने की मांग करने की तो मांग उचित होगी तो शासन निर्णय लेगा, हम तो महाविद्यालय की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
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प्राचार्य के खिलाफ क्यों भड़के एमजीएम कालेज के एनसीसी कैडेट्स
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