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बच्चियों एवं महिलाओं के विरुद्ध अपराध गंभीर कृत्य : कमिश्नर

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होशंगाबाद। महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध यौन अपराधों की रोकथाम के लिये संभाग स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया। कार्यशाला में कमिश्नर उमाकांत उमराव ने कहा कि समाज में महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध वर्तमान मे घटित अपराधों एवं यौन शोषण से संबंधित घटनाओं की रोकथाम के लिये ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शौर्यादल सदस्य, शिक्षक एवं समाज सेवी संस्थाओं को ऐसे परिवारों का चिन्हांकन करने की जिम्मेदारी दी गई है जहां इस तरह की घटनाएं पूर्व में घटित हुई हैं या घटित हो सकती है। ग्राम के असामाजिक तत्वों एवं विकृत मानसिकता के व्यक्तियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में ऐसे परिवारों को चिन्हित करने की आवश्यकता है जहां पति-पत्नी अपने बच्चों को घर पर अकेले अथवा किसी रिश्तेदार के घर छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे परिवारों को यह सलाह देनी चाहिए कि वे अपने बच्चों को ऐसे परिवारों में छोड़कर जाएं जहां बुजुर्ग सदस्य हों एवं परिवार में बालिकाएं भी हो ताकि बच्चे सुरक्षित वातावरण में रहे। बालिकाओं के स्कूल के आसपास अनावश्यक रूप से भ्रमण करने वाले असामाजिक तत्वों की सूची तैयार करें एवं इस कार्य में ऑटो रिक्शा चालक, दुकान वाले, शौर्या दल सदस्य एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों की सहायता प्राप्त करे।
होशंगाबाद जोन के पुलिस महानिरीक्षक केसी जैन ने कहा कि पुलिस विभाग के माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बैतूल जिले के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वहां पलायन अधिक होने के कारण महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक अरविन्द सक्सेना द्वारा महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के नियंत्रण के लिये कानूनी धाराओं के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि समाज में घटित होने वाले अपराधों को नियंत्रित करने के लिये पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कार्यशाला में यूनिसेफ के प्रतिनिधि प्रशांत दुबे ने 18 वर्ष से कम आयु के बालक बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले यौन शोषण के संबंध में प्रदेश में घटित घटनाओं के माध्यम से विस्तार से बताया गया। श्री दुबे ने बच्चों के लैंगिक शोषण से बचाव हेतु पॉक्सो एक्ट की धाराओं, अपराधियों को मिलने वाले दंड आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में कलेक्टर प्रियंका दास, जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा, किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट विजय कुमार पाठक, उप संचालक महिला सशक्तिकरण मोहिनी जाधव, अन्य संबंधित अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य उपस्थित रहे।

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