सुनील सोन्हिया, भोपाल ने की बातचीत
भोजपुरी गायन की बदौलत जिन गायकों ने अपना एक अलग मुकाम हासिल किया उनमें बनारस की 27 वर्षीय छोरी अनमोल सिंह का भी नाम है। झीलों की नगरी भोपाल को अपनी कर्मभूमि बनाकर अनमोल अपना जलवा मप्र में ही नहीं पूरे देश में बिखेर रही हैं। उनसे हुई बातचीत के संपादित अंश प्रस्तुत हैं।
मुझे बचपन से ही सिंगिंग क्षेत्र में कैरियर बनाने की तमन्ना थी। मेरी मां सुरीली आवाज में सुबह से नए-पुराने गाने, भजन गाती रहती थी। जब मैं बड़ी हुई तो मुझे भी गाने सुनना बेहद अच्छा लगता था। बनारस के जिस गांव आजमगढ़, जोनपुर में रहती हूं, वहां दूर-दूर तक कोई सिंगिंग के क्षेत्र में लड़की नहीं थी। मेरी मां कलावती सिंह, पापा जटाशंकर सिंह व बड़े पापा शिवशंकर सिंह ने मुझे गाने के क्षेत्र में कैरियर बनाने में न केवल प्रोत्साहित किया वरन हमारा उत्साहवर्धन भी किया। प्रारंभिक शिक्षा के बाद ग्रेजुएट एग्रसेन यूनिवर्सिटी बनारस से किया। तत्पश्चात संगीत की डिग्री एमयूज संगीत यूनिवर्सिटी से ग्रहण की। गायन की शिक्षा मंजू वर्मा (पीएचडी) व शुभ्रा वर्मा से ग्रहण की। आकाशवाणी, दूरदर्शन बनारस से बी हाईग्रेड एग्जाम उत्तीर्ण किया। सन् 2000 से गायन, एंकरिंग का कार्य आकाशवाणी व दूरदर्शन पर कर रही हूं।
15 हजार से ज्यादा किया स्टेज शो
मैं 2005 से अब तक पूरे देश में लगभग 15 हजार से ज्यादा स्टेज शो कर चुकी हूं जिसमें भोजपुरी, हिन्दी, गाने, भजन, उपशास्त्रीय गायन, लोकगीत, जगराता भी शामिल हैं। हाल ही में अगस्त-सितंबर में शौर्य स्मारक में देशभक्ति गीत एवं जनजातीय संग्रहालय में अनमोल नाइट का आयोजन किया गया था।
गानों की मिली सर्वत्र प्रशंसा
भोपाल आने के बाद मुझे ऐसा लगा कि यहां के प्राकृतिक मनोहारी दृश्य तो अति सुंदर हैं साथ ही जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्वमंत्री बाबूलाल गौर, महापौर आलोक शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने न केवल हमारे गानों की सराहना की वरन उन्होंने मेरा उत्साहवर्धन भी किया। कई संस्थाओं ने मुझे पुरस्कृत व सम्मानित किया।
चौथा एलबम आने वाला है
2005 में आठ भोजपुरी गानों का पहला एलबम कुड़ल गौरी के लहंगे भोपाल से लांच हुआ था जिसे अपार सफलता मिली। फिर 2014 में जवानी ताजा बा आया। इस एलबम में भोजपुरी के साथ हिन्दी फिल्मी गाने हैं। दूसरा एलबम भी हिट रहा। तीसरा एलबम ए मैया दिहलू जीनगी (देवी गीत) नवरात्र में मुंबई में लांच हुआ था। अब हम एक नए एलबम की तैयारी कर रही हूं जो सभी दर्शकों को पसंद आएगा। इसके साथ ही एक भोजपुरी मूवी भी आ रही है।
समाजसेवा से मिलती है मन को शांति
समाजसेवा के प्रति मेरा लगाव विगत 7 वर्षों से हुआ। कैंसर पीडि़त बच्चों, महिलाओं की मैं समय-समय पर आर्थिक मदद करती रहती हूं।
बच्चों को सिखाऊंगी संगीत की बारीकियां
दिसंबर में प्रतिभाशाली बच्चों को संगीत प्रशिक्षण का आयोजन होगा जिसके तहत उन्हें नि:शुल्क संगीत की बारीकियां सिखाऊंगी जिससे गायन के क्षेत्र में प्रतिभाशाली बच्चे अपने हुनर से एक नया मुकाम हासिल कर सकें।