मानव अधिकार संरक्षण पर व्याख्यान माला
इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय में मप्र मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मानव अधिकार के संरक्षण में नागरिकों की भूमिका विषय पर निबंध प्रतियोगिता एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की मानव अधिकार संरक्षण में प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान हुए। व्याख्यान में मुख्य वक्ता प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक आनंद कुमार जाम्भुलकर उपस्थित हुए। उन्होंने मौलिक अधिकार एवं मानव अधिकार में अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि मानव अधिकार मनुष्य को गरिमामय तरीके से जीवन यापन के लिए अत्यंत आवश्यक है, अत: हमें मानव अधिकार संक्षरण हेतु जागरूक एवं मानव अधिकार उल्लंघन को रोकने सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने छात्राओं कों मानव अधिकारों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। प्राचार्य डॉ. कुमकुम जैन ने कहा की मानव अधिकार के प्रति सजग रहकर ही हम अपने जीवन का व अन्य लोगों में गुणवश्रापूर्ण बना सकते हैं।
निबंध प्रतियोगिता में कालेज की 50 छात्राओं ने भाग लिया जिसमें प्रथम स्थान पर महिमा सूर्यवंशी, द्वितीय प्रियंका चावरे एवं तृतीय सिमरन बकोलिया रहीं, जिन्हें उपस्थित मुख्य अतिथि श्री जाम्भुलकर ने प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार दिए। संचालन मीनाक्षी कोरी ने किया। प्राध्यापक डॉ.वीके राणा, हरप्रीत रंधावा, मंजरी अवस्थी, आनंद कुमार पारोचे, डॉ. संजय आर्य, हेमंत गोहिया, कामधेनु पटोदिया, सुषमा चौरसिया, शिखा गुप्ता, भावना यादव, पूनम राय एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।
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मानव अधिकार गरिमा से जीने के लिए जरूरी
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