इटारसी। संसार सागर में आने वाले प्रत्येक जन मानस के जीवन के साथ ही मृत्यु का समय भी परमात्मा के द्वारा निर्धरित किया है। जो हम सब को पता नहीं है, इसलिए जीवन में समय को व्यर्थ न गंवाते हुए हमें हर पल अपने मानवीय कर्तव्यों को पूर्ण करने में लगे रहना चाहिए। चंूकि मृत्यु किसी भी प्रकार से आ सकती है, वह हमारे किसी भी कार्य की प्रतीक्षा नहीं करती। उक्त उद्गार कथावाचक जगदीश पांडेय ने व्यक्त किए।
ग्राम-भट्टी नयायार्ड में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समारोह के तृतीय दिवस में श्रोताओं को कथा के माध्यम से मृत्यु के शास्वत सत्य से अवगत कराते हुए, आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि देश दुनिया में विज्ञान ने भले ही अपार तरक्की क्यों न कर ली हो, लेकिन मृत्यु को रोक पाने में किसी को सफलता नहीं मिली। कुछ चिकित्सा संस्थान अपने अनैतिक आर्थिक लाभ पाने मानव के मृत शरीर को तथाकथित जीवन रक्षक प्रणाली की आधुनिक मशीन (वेंटीलेटर) पर रखकर उसके जीवित रहने का झूठा दावा करते हैं, वह अनुचित हैं। जो पाप की श्रेणी में भी आता है। ऐसा दुष्कार्य करने वालों को परमात्मा भी माफ नहीं करते, और फिर इनकी मृत्यु बडी़ कष्टदायी हो जाती हैं। तृतीय दिवस की कथा के शुभारंभ में मुख्य यजवान मनोज वर्मा एवं संयोजक रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने प्रवचनकर्ता श्री पाण्डेय का स्वागत किया। प्रवक्ता गिरीश पटैल ने बताया की कथा के चतुर्थ दिवस में गुरूवार को कर्म योगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया।
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मृत्यु किसी की प्रतीक्षा नहीं करती-पांडेय
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