इटारसी/केसला। एक रिटायर्ड पुलिस कर्मी के कारण केसला में सड़क निर्माण का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है और उसकी छह माह से चल रही कथित हठधर्मिता ने अनुविभाग के प्रशासन को बेदम कर रखा है। आला अधिकारियों को जानकारी के बावजूद इस रिटायर्ड पुलिस कर्मी को प्रशासन उस मकान से बाहर नहीं कर पा रहा है, जो मकान फोरलेन की राह में आ रहा है।
ठेकेदार ने इस एकमात्र मकान के आसपास का कब्जा तो हटा दिया, लेकिन इस मकान को इसलिए नहीं गिरा पा रहे हैं, क्योंकि इस आवास में एक पुलिस कर्मी रहता है, जो सेवा निवृत्ति के बावजूद इस मकान को छोड़ नहीं रहा है। इस एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी के कारण करोड़ों के प्रोजेक्ट का काम केसला हिस्से में आगे नहीं बढ़ पा रहा है। हालात यह हो गये हैं कि जिन लोगों के मकान टूट चुके हैं, वे अब नाराज हैं कि प्रशासन ने सख्ती से उनको तो हटा दिया, लेकिन, रिटायर्ड पुलिसकर्मी के आगे जाकर प्रशासन बेदम हो गया है।
सरकारी जगह पर है मकान
केसला में जो पुलिस आवास बना है, उसमें पुलिसकर्मी रहता है। लेकिन, बताते हैं कि यह आवास नजूल की भूमि पर बना है। जिस वक्त आवास बना होगा, किसी ने आपत्ति नहीं ली होगी। इस भूमि पर पुलिस विभाग का कोई आधिपत्य भी नहीं है, बावजूद इसके पुलिस आवास बने तो पुलिस कर्मी उसमें रहने लगा। अब यह मकान खाली नहीं कर रहा है। एनएचएआई के लिए काम करने वाले एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (कंसल्टेंट) श्रीप्रकाश भारद्वाज बताते हैं कि पिछले छह माह से पांच-दिन की मोहलत मांगने के बावजूद अब तक मकान खाली नहीं किया है, जिससे काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
सब जगह दे चुके जानकारी
एनएचएआई ने इसकी जानकारी पुलिस विभाग और अनुविभागीय दंडाधिकारी को भी दे दी है, बावजूद इसके प्रशासन इस रिटायर्ड पुलिस कर्मी को उस पुलिस आवास से नहीं निकाल पा रहा है। वि_लराव नामक यह सेवानिवृत पुलिस कर्मी सारी सरकारी मशीनरी पर भारी पड़ रहा है, जबकि यह मकान उसका खुद का नहीं बल्कि वर्षों पूर्व बनाया एक पुलिस आवास है। जब यहां से फोरलेन गुजरना है तो इस जगह को एनएचआई ने अधिग्रहण कर लिया है, पैसा भी जमा हो चुका है, फिर एक रिटायर्ड पुलिस कर्मी के आगे प्रशासन इतना असहाय है, कि करोड़ों का प्रोजेक्ट लेट होने दिया जा रहा है।
इनका कहना है…!
हमने संबंधित को नोटिस दिया है। यदि तीन दिन में मकान खाली नहीं किया तो विधिवत कार्रवाई करके मकान को तोड़ दिया जाएगा। जानकारी है कि सात वर्ष से संबंधित सेवानिवृत्ति के बावजूद उक्त मकान में रह रहा है। चूंकि वहां से सड़क बनना है और वह जगह का अधिग्रहण हो चुका है तो मकान को तो तोडऩा ही है।
सतीश राय, एसडीएम