इटारसी। मांगीलाल दहाड़। जी हां! यही नाम है और बंदा आग के सामने दहाड़ता भी है। नगर पालिका इटारसी के अग्निशमन दल का सदस्य है। हेल्पर की भूमिका है, लेकिन मुख्य भूमिका से छोटा काम भी नहीं करता है। दो बार आगजनी के दौरान आग पर काबू करने के दौरान गिरकर पैर भी फै्क्चर हो चुके हैं, लेकिन हौंसला बरकरार है। गुरुवार की रात को पुन: मांगीलाल ने इस हौसले से वह काम कर दिखाया जो वहां मौजूद सैंकड़ों लोग नहीं कर सके और करीब पौन घंटे तक केवल तमाशबीन बने रहे।
हम बात कर रहे हैं, श्रीजी कृपा गौशाला के पीछे झुग्गी बस्ती में लगी एक आगजनी की। आग एक एलपीजी के सिलेंडर में लगी थी और तेजी से गैस सिलेंडर आग उगल रहा था। सबसे पीछे किचिन था, बीच के कमरे में भी बाइक धू-धूकर जल रही थी। मोहल्ले के लोग तमाशबीन थे और गैस सिलेंडर की आग के नजदीक जाने का जोखिम नहीं उठाना चाह रहे थे। दमकल के साथ आया मांगीलाल। लेकिन, आग मुख्य सड़क से करीब दो सौ मीटर भीतर गली में स्थित एक मकान में थी। जलता सिलेंडर बुझाना जरूरी था। मांगीलाल ने जोखिम उठाया। वह आग की परवाह न करके सीधे किचिन में जलते सिलेंडर के पास पहुंचा और उसे एक गीले कपड़े के सहारे घसीटकर बाहर लाया। यहां उसने उस पर गीला बोरा और कपड़ा डालकर सिलेंडर का मुंह बंद किया और सिलेंडर की आग शांत हो गयी। जैसे ही सिलेंडर की आग बुझी सबकी जान में जान आयी और फिर सबने बाल्टियों से पानी डालकर घर के भीतर सुलग रही आग को बुझाया। सिलेंडर की आग बुझने के दस मिनट के भीतर सारी आग को काबू में कर लिया। यदि मांगीलाल दहाड़ साहस नहीं दिखाता तो बड़ी घटना हो सकती थी। क्योंकि आसपास कच्ची झुग्गियां थी, जिस मकान में आग लगी थी, वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का बना था। आग शांत होने के बाद सबने मांगीलाल की सराहना की।