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विधायक ने दिया आवेदन, एसडीओ राजस्व को गिरफ्तार करने की मांग

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इटारसी। विधायक और एसडीओ राजस्व का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक दिन पूर्व कांग्रेस की पत्रकार वार्ता के बाद शुक्रवार को विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा ने अपने समर्थकों के साथ पुलिस थाने जाकर एसडीओ के खिलाफ आवेदन देकर एसडीओ राजस्व हरेन्द्र नारायण के विरुद्ध भादवि की धारा 166, 166 ए, 167 के अंतर्गत एफआईआर करने की मांग की है। विधायक का आरोप है कि एसडीओ ने गलत रिपोर्ट बनाकर उनकी छबि को खराब करने का प्रयास किया है। टीआई ने आवेदन देकर जांच करने का आश्वासन दिया है।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ दिन पूर्व एक समाचार पत्र में खबर प्रकाशित हुई थी कि श्री द्वारिकाधीश मंदिर समिति की जांच के बाद एसडीओ राजस्व ने जिला एवं सत्र न्यायालय में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। प्रतिवेदन में एसडीओ ने यह अनुशंसा की है कि मंदिर समिति ने लोक न्यास के नियमों का पालन नहीं किया। इस कारण वर्तमान समिति को भंग कर मंदिर का संचालन किसी अन्य समिति को या फिर शासकीय समिति के सुपुर्द किया जाना उचित होगा। बिना अनुमति मंदिर स्वामित्व की भूमि का व्यावसायिक उपयोग करे से जो नुकसान हुआ है, उसकी वसूली समिति के पदाधिकारियों से करना चाहिए और अमानत रूपी मंदिर की अचल संपत्ति पर बिना अनुमति निर्माण ण्वं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के संचालन के लिए समिति पदाधिकारियों के विरुद्ध अमानत में खयानत संबंधी प्रावधानों के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाना उचित होगा। जांच रिपोर्ट में अपनी ही स्वामित्व की भूमि पर विधायक निधि से खेल प्रशाल बनाने को व्यक्तिगत हित के लिए निर्णय लेना बताया है।
विधायक डॉ. शर्मा ने सारे आरोपों को नकारते हुए पिछले दिनों पत्रकारवार्ता में कहा था कि जिला सत्र न्यायालय में पेश प्रतिवेदन से पूर्व उनको सूचना नहीं दी गई। आज विधायक ने इसे उनकी छबि खराब करने का प्रयास, बदनाम करने झूठा प्रकरण तैयार करने हेतु एक पक्षीय कार्रवाई कहा और विधायक निधि का झूठा आरोप बताते हुए कहा कि यह दुर्भावना से प्रेरित है, हमने पुलिस में जांच के बाद एसडीओ राजस्व की हैसियत से और स्वयं हरेन्द्रनारायण की हैसियत से प्रकरण पंजीबद्ध करने और गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक दोषियों को सजा नहीं होती, हम तब तक लड़ेंगे। एसडीओ ने सीपीसी के तहत कार्रवाई बताया है, जबकि सीपीसी के तहत कार्रवाई की जाती तो समंस जारी होते। उन्होंने मंदिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश चांडक को धमकी दी है कि तुम पर कंटेम्ट आफ कोर्ट का मुकदमा चलाऊंगा। विधायक ने कहा है कि वे इस मामले में विधानसभा में भी विशेषाधिकार के तहत प्रश्न लगायेंगे।

कागज जब्त करने की मांग
विधायक डॉ. शर्मा ने कहा कि उन्होंने टीआई राघवेन्द्र सिंह ने अनुरोध किया है कि वे खेल प्रशाल से संबद्ध जितने भी कागज नगर पालिका में हैं, वहां से ले लें, ताकि उनको कोई गड़बड़ न कर सके। विधायक ने आश्ंाका जतायी है कि कागजों में हेरफेर की जा सकती है। विधायक ने कहा कि कांग्रेस नेता अमोल उपाध्याय ने रात के वक्त नगर पालिका में जाकर कागजों की छानबीन की है, ऐसा उनको जानकारी लगी है। हालांकि इसके पीछे उनके पास कोई सबूत नहीं है। जानकारी के आधार पर वे आशंका जता रहे हैं कि कागजों में हेरफेर हो सकती है। खेल प्रशाल की नोटशीट पर विधायक निधि से स्वीकृति के सवाल पर उन्होंने कहा कि एसडीओ राजस्व को जिला योजना अधिकारी से कागज मांगना चाहिए। नोटशीट कितनी सच्ची है, इस पर उन्हें भरोसा नहीं। हो सकता है, साजिश करने वालों ने ही लिख ली हो। उन्होंने कहा कि हमसे टीआई को आवेदन दिया है और उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है।

ये है विधायक के आवेदन में
– अनुविभागीय अधिकारी हरेन्द्र नारायण ने पदेन रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की हैसियत से श्री द्वारिकाधीश मंदिर समिति की एकपक्षीय जांच कर समिति के एवं आवेदक के विरुद्ध अनेक आधारहीन आरोपों का उल्लेख किया है, और उसे एक समाचार पत्र को गोपनीय रूप से पे्रेषित कर दिया।
– अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरेन्द्र नारायण ने अपने पद व अधिकारियों का दुरुपयोग करते हुए बिना किसी दस्तावेजी साक्ष्य के अथवा अन्य किसी साक्ष्य के समिति के किसी सदस्य से बिना कोई पूछताछ किये जानबूझकर आवेदक की छबि धूमिल करने की दृष्टि से यह आदेश दिया है। 7.01.2020 को पारित आदेश की 31.01.2020 तक न तो संबंधित पक्षकार को प्रति दी न ही उसके अधिवक्ता को।
– विशेष रूप से विधायक निधि के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हरेन्द्र नारायण ने जानबूझकर विधायक निधि के दुरुपयोग कर सीधा आरोप अपने आदेश में कन्फिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के शब्द का उल्लेख कर किया हे। वस्तुस्थिति यह है कि मेरे द्वारा खेल प्रशाल में कोई विधायक निधि दी ही नहीं गई तथा ना ही ऐसा कोई दस्तावेज अभिलेख पर है।

ये बोले एसडीएम
मैंने जो भी आदेश जारी किये हैं, वह न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत किये हैं। विधायक जो कर रहे हैं, न्यायालय पर टीका-टिप्पणी, आवेदन देना जैसे कार्य न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आते हैं, विधायक के खिलाफ न्यायालय की अवमानना की प्रक्रिया शुरु कर दी है।
हरेन्द्र नारायण, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व

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