- अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए
- सभी अनुविभाग में निर्बाध पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित हो
- राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर के निर्देश
नर्मदापुरम। कलेक्टर सुश्री सोनिया मीना ने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि विस्थापित ग्रामों के किसानों के गेहूं उपार्जन पंजीयन की प्रक्रिया शासन के निर्देशानुसार शीघ्रता से पूर्ण कराई जाए। आगामी चार दिन में विशेष शिविर कर प्रतिदिन पंजीयन कर डीएसओ को प्रेषित किये जाये, ताकि किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय का लाभ मिल सके।
कलेक्टर ने राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से नामांतरण, नक्शा तरमीम, आरओआर लिंकिंग आदि मामलों की समीक्षा की। कलेक्टर ने तहसीलवार समस्त न्यायालयों में पंजीकृत एवं लंबित प्रकरणों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार अपने न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी न्यायालय का निराकरण प्रतिशत 95 प्रतिशत से कम न हो। 31 मार्च तक 6 माह एवं 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निराकृत किया जाए।
बैठक के दौरान बंटवारा एवं सीमांकन से संबंधित प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा में निर्देशित किया कि राज्य स्तर के आधार पर सर्वाधिक निराकरण प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित कर, उसके अनुरूप बंटवारे के प्रकरणों का समाधान सुनिश्चित किया जाए। सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि सीमांकन के कुल लंबित प्रकरणों का समय-सीमा के भीतर निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर ने नजूल अधिकारी, नर्मदापुरम को भी उनके न्यायालय में लंबित प्रकरणों के निराकरण में अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश दिए। बैठक में दांडिक प्रकरणों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली पोर्टल का उपयोग एक प्रभावी उपकरण के रूप में करें, जिससे प्रकरणों के त्वरित एवं पारदर्शी निराकरण में सहायता मिले। कलेक्टर सुश्री मीना ने सभी राजस्व अधिकारियों को समय-समय पर दांडिक कार्यवाहियां करने के निर्देश दिए। स्वामित्व योजना के अंतर्गत नक्शे प्राप्त होने के उपरांत शीघ्र उन्हें प्रकाशन स्तर तक प्रेषित किया जाना सुनिश्चित करें। जिन नक्शा का प्रथम प्रकाशन एवं द्वितीय प्रकाशन हो चुका है उनके शीघ्र अंतिम प्रकाशन करवाया जाए। तथा दर्ज प्रकरणों को भी ग्राउंड ट्रुथिंग के बाद एस ओ आई के लिए भेजे जाएं। उन्होंने बनखेड़ी एवं माखन नगर की कम प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए की दोनों तहसीलों की समीक्षा कर प्रगति प्रतिशत को बढ़ाया जाए।
कलेक्टर ने एसडीएम नर्मदा पुरम को निर्देश दिए की अनुविभाग के अंतर्गत आने वाली तहसीलों का नियमित रूप से रिव्यू करें। साथ ही जियो टैगिंग के लिए कोई भी केस पेंडिंग ना रहे यह सुनिश्चित किया जाए तथा एसडीएम एवं तहसीलदार स्वयं ऐसे प्रकरणों की समीक्षा करें। फार्मर रजिस्ट्री में कम प्रगति वाली तहसीलों को निर्देशित किया है कि अधिक से अधिक फार्मर रजिस्ट्रेशन किया जाए जिससे किसानों को योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। कलेक्टर ने वित्तीय वर्ष 2024 25 की राजस्व वसूली की भी समीक्षा की। गौशाला की चरनोई भूमि भी शीघ्र अतिक्रमण मुक्त की जाए एवं पूरे जिले में पेयजल की उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक कार्यवाहियां भी समय-समय पर की जाती रहे। बैठक के दौरान अपर कलेक्टर डीके सिंह, संयुक्त कलेक्टर अनिल जैन, सिटी मजिस्ट्रेट बृजेन्द्र रावत एवं समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा तहसीलदार उपस्थित रहे।