इटारसी। बारह बंगला व्यंकटेश नगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथाकार पंडित रामेश्वर प्रसाद शर्मा पुरानी इटारसी वालों ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि कंस द्वारा भेजी पूतना का उद्धार श्रीकृष्ण ने किस तरह किया। पंडित शर्मा ने श्रोताओं से कहा कि श्रीकृष्ण ने गोपियों का वस्त्र हरण नहीं किया बल्कि वासनाओं का हरण किया था। उन्होंने कहा कि भगवान सच्ची भक्ति से ही मिलते हैं आंडबर से नहीं।
श्री शर्मा ने जीवन की महत्ता बताते हुए कहा कि चौरासी लाख योनि भगवान ने बनाई है, उसमें से एक मनुष्य योनि है। इसे बनाते समय भगवान को अन्य योनि की तरह दिक्कत नहीं आई, लेकिन जब मनुष्य योनि का निर्माण वे कर रहे थे तब इसमें ज्ञान की पूंजी अलग से प्रदान की गई। जिससे हम अपने मानव जीवन का उद्धार भक्ति मार्ग में चलकर कर सके। सभी को भक्ति मार्ग की प्रेरणा भगवान गिरिराज की कथाओं को सुनने से मिलती है। कथा के अवसर पर आज छप्पन भोग का आयोजन किया गया। भगवान का छप्पन भोग चढ़ाया गया और फिर ये प्रसाद भक्तों में वितरित किया गया।