इटारसी। मप्र के राजनैतिक परिदृश्य में आ रहे बदलाव पर होशंगाबाद जिले की नजरें भी सारा दिन टेलीविजन के माध्यम से गड़ी रहीं। मप्र कांग्रेस का बड़ा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस को अलविदा कहकर भाजपा के साथ जो होली मिलन किया है, उससे संपूर्ण मध्यप्रदेश के साथ ही होशंगाबाद जिला भी बदलाव से अछूता नहीं रहेगा। जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में उनके खास सिपहसालार और कांग्रेस के मीडिया पैनलिस्ट राजेन्द्र सिंह ठाकुर और उनके साथी पार्षद लोकेश गोगले ने अपने-अपने राजनैतिक पदों से इस्तीफा दे दिया है। अभी और भी इस्तीफे आएंगे, ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं। जो लोग सत्ता की मलाई को डकारने वाले अंदाज में खा रहे थे, उनके पैरों की जमीं खिसक गयी है और उनकी पेशानी पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं। विगत ढाई दशक से पार्षदी का सुख उठा रहे वार्ड 11-12 की नुमाइंदगी करने वाले रजनीकांत सोनकर और उनकी पत्नी श्रीमती अनिता सोनकर भी जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
दरअसल, जहां राजेन्द्र ठाकुर, लोकेश गोगले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास माने जाते हैं, ठीक वैसे ही रजनीकांत सोनकर सिंधिया के खास समर्थक तुलसी सिलावट के धुर समर्थक रहे हैं।
जाहिर है, सिंधिया के इस्तीफे और उनके समर्थन में तुलसी सिलावट के इस्तीफे के बाद रजनीकांत सोनकर को भी उनके पदचिह्न पर चलना था। वैसे भी पिछले कुछ दिनों से पूर्व पार्षद रजनीकांत सोनकर विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के निकट जाने का प्रयास कर रहे थे। महाशिवरात्रि के मौके पर उनके साथियों ने वार्ड में जो शिव मंदिर पर कार्यक्रम किया था, उसमें महाआरती में विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा को खासतौर पर आमंत्रित किया गया था।
आगे राजनीति की कौन सी तस्वीर उभरकर सामने आएगी, इस पर सभी की निगाहें लगी हैं। किन्तु इतना तो तय है कि चाहे मप्र में भाजपा की सरकार बने, या कांगे्रस प्रदेश को मध्यावधि चुनाव में ले जाए, सिंधिया के समर्थक उनके साथ रहेंगे और राजनीतिक तस्वीर या तो भाजपा के लिए मुस्कुराहट लायेगी या फिर मप्र में चुनावी परिदृश्य बनायेगी।
यह सब भविष्य के गर्भ में है, जल्द ही धुंध हटेगी और तस्वीर क्या बनेगी, यह दिखाई देगा। फिलहाल तस्वीर पर कयास का पर्दा ढंका हुआ है।