- इन-हाउस मरम्मत से रचा इतिहास, इस पहल से ओईएम पर निर्भरता होगी कम
- ये मरम्मत स्विट्जरलैंड और जर्मनी की ओईएम कंपनियों द्वारा की जाती थी
इटारसी। इटारसी के इलेक्ट्रिक लोको शेड ने अपनी विशेषज्ञता और समर्पण से रेलवे के लिए तकनीकी चुनौतियों के बीच उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। वर्तमान में, इटारसी लोको शेड के पास कुल 273 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव हैं, जो उन्नत थ्री-फेज ड्राइव प्रोपल्शन सिस्टम तकनीक से लैस हैं। यह तकनीक ट्रैक्शन कन्वर्टर, ऑक्सीलरी कन्वर्टर और व्हीकल कंट्रोल यूनिट जैसे महत्वपूर्ण घटकों पर आधारित हैं, जो लोकोमोटिव को सुचारू और कुशल संचालन में सहायता करते हैं।
इन लोकोमोटिव्स के प्रोपल्शन सिस्टम की गारंटी समाप्त होने के बाद, उनके खराब मॉड्यूल और इलेक्ट्रॉनिक काड्र्स की मरम्मत करना एक बड़ी चुनौती बन गया। पहले, ये मरम्मत स्विट्जरलैंड और जर्मनी की ओईएम कंपनियों द्वारा की जाती थी। लेकिन वारंटी समाप्त होने और ओईएम कंपनियों की सीमित सहायता के कारण मरम्मत कार्य को संभालना जटिल और महंगा हो गया। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए, इटारसी इलेक्ट्रिक लोको शेड के इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्शन की टीम ने वरिष्ठ मंडल विद्युत् इंजीनियर (लोको शेड इटारसी) नीरज कुमार शर्मा के निर्देशन में इन मॉड्यूल और काड्र्स की इन-हाउस मरम्मत का बीड़ा उठाया। इस टीम में महेश नागरे (वरिष्ठ खंड अभियंता), सतीश गुप्ता (कनिष्ठ अभियंता), गौरव चक्रधर (कनिष्ठ अभियंता), और कुमारी आरती सिंह (तकनीशियन) शामिल हैं।
शेड अधिकारियों के मार्गदर्शन और टीम की विशेषज्ञता से, उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए कई उन्नत इलेक्ट्रॉनिक काड्र्स और मॉड्यूल्स को सफलतापूर्वक मरम्मत किया गया। मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (लोको शेड इटारसी)नीरज कुमार शर्मा के नेतृत्व में भोपाल मंडल के अंतर्गत आने वाले इस संस्थान की इस पहल और तकनीकी दक्षता ने रेलवे को 36 रुपए लाख की बड़ी बचत दिलाई। नवंबर 2024 में, शेड ने 3 लोकोमोटिव्स को खराब मॉड्यूल्स की मरम्मत कर फिर से परिचालन में लाया।
भोपाल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक देवाशीष त्रिपाठी ने इस उपलब्धि पर टीम को बधाई देते हुए कहा, ‘भोपाल मंडल की यह उपलब्धि रेलवे के संसाधनों के प्रभावी उपयोग और तकनीकी विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इस प्रकार की टीम वर्क और नवाचार भारतीय रेलवे के उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम है।’ यह सफलता न केवल रेलवे की राजस्व बचत में सहायक है, बल्कि रेलवे के तकनीकी आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को भी सशक्त करती है। भोपाल मंडल ऐसी उत्कृष्ट टीमों के प्रयासों को सराहता है और इसे भारतीय रेलवे की प्रगति में मील का पत्थर मानता है।