इटारसी। जिला प्रशासन (District Administration) ने भूसा मशीनों (Chaff Machine) पर दिन के वक्त खेतों में इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है, बावजूद इसके अनेक किसान इन प्रतिबंधों को नहीं मान रहे हैं। आज ही इटारसी (Itarsi) से तरोंदा मार्ग पर हमने भूसा मशीन से भूसा बनाते हुए कैमरे में कैद किया है। यानी प्रशासन के किसी प्रकार के प्रतिबंध को कुछ किसान मानते ही नहीं है और संंबंधित विभाग केवल नरवाई न जलाने के अनुरोध की औपचारिकता पूरी कर गहरी नींद में सो चुका है। जब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं होगी, ऐसे किसान समझने वाले नहीं हैं।उल्लेखनीय है कि विगत 20 मार्च को जिला प्रशासन ने स्ट्रॉरीपर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किये हैं। भूसा मशीन का उपयोग सुबह 11 से शाम 5 बजे तक प्रतिबंधित किया है, इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध धारा-188 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। बावजूद इसके प्रतिबंध की परवाह किये बिना तपती दोपहर में भी किसान खेतों में भूसा बनवा रहे हैं।
प्रतिबंधों की नहीं है परवाह
20 मार्च को कलेक्टर नर्मदापुरम नीरज कुमार सिंह (Collector Narmadapuram Neeraj Kumar Singh) के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी मनोज सिंह ठाकुर ने धारा 144 के तहत आदेश जारी कर जिले में भूसा मशीन का उपयोग प्रात: 11 से सांय 5 बजे तक प्रतिबंधित किया है। लेकिन किसान इनकी कोई परवाह नहीं कर रहा है। रबी फसल की कटाई प्रारंभ हो गयी है। इस दौरान कृषक मुख्यत: भूसा मशीन एवं हार्वेस्टर का उपयोग बिना सुरक्षात्मक उपायों के बहुतायात में किया जाता है। प्राय: सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण हार्वेस्टर से उत्पन्न होने वाली चिंगारी से खड़ी फसलों में आगजनी की घटनाएं होती हैं।
मेहनत की फसल हो सकती है राख
प्रतिबंध के बावजूद किसान स्ट्रा रीपर (भूसा बनाने वाली मशीन) का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह जानते हुए भी स्ट्रा रीपर के उपयोग से मेहनत से उगाई फसल जलकर राख हो सकती है। इस मशीन से निकली चिंगारी से ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। रविवार को इटारसी से तरोंदा रोड पर किसानों द्वारा स्ट्रा रीपर का इस्तेमाल करने की तस्वीरें हमने कैमरे में कैद की है। किसान खेतों में इन दिनों गेहूं की कटाई कर रहे हैं। स्ट्रा रीपर मशीन के जरिए फसल अवशेष का भूसा बनाया जा रहा है। पिछले दिनों कुछ गांवों में फसल में स्ट्रा रीपर से निकली चिंगारी आग लगी थी, जिसमें फसल जलकर राख हुई है।