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एनजीटी ने इटारसी रेलवे मालगोदाम से प्रदूषण जांचने सर्वे करने दिये निर्देश

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इटारसी। रेलवे स्टेशन से नयायार्ड मार्ग पर बने रेलवे मालगोदाम से बढ़ रहे जलवायु प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर हो रहा है, इसको लेकर जल्द सर्वे होगा। दरअसल इस विषय को लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एनजीटी ने एक याचिका की सुनवाई में कलेक्टर नर्मदापुर एवं मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को छह सप्ताह में एक सर्वे रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

बता दें कि विगत 23 जुलाई 2022 को एक रिपोर्ट के आधार पर मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम भी आयी थी और मालगोदाम से मिट्टी के सेंपल तथा इसके आसपास से पानी के सेंपल भी लिये थे। याचिकाकर्ता के वकील आयुष गुप्ता भोपाल ने बताया कि पेश किए तथ्यों एवं सीमेंट-फर्टिलाइजर के रैक से बढ़ रहे प्रदूषण की शिकायत पर एनजीटी ने सर्वे करने को कहा है। सर्वे में टीम यहां प्रदूषण, के अलावा प्रदूषण की रोकथाम के उपायों, प्रदूषण रोकने के उपायों में कमियों एवं लापरवाही समेत इससे लोगों के स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभाव की जांच करेगी। सर्वे में वे लोग शामिल रहेंगे जो लोग मालगोदाम के आसपास रहते हैं या यहां काम करते हैं। इनमें ट्रांसपोर्टर, हम्माल, रेलकर्मी भी हो सकते हैं। एनजीटी के विशेषज्ञ सदस्य शिव कुमार सिंह एवं डॉ. अरूण कुमार वर्मा की बैंच ने नर्मदापुरम कलेक्टर एवं मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक टीम गठित कर एक माह में मालगोदाम के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
मामले में याचिकाकर्ता ने डीआरएम भोपाल रेल मंडल एवं महाप्रबंधक पश्चिम मध्य रेलवे को भी परिवादी बनाया है। एडवोकेट गुप्ता ने कहा कि रेलवे ने कई सालों से हो रही लापरवाही सेे मानव स्वास्थ्य के लिए कोई प्रयास नहीं किए, सिर्फ कमाई बढ़ाने पर ही जोर दिया। सर्वे टीम यहां मिट्टी, जल और हवा का प्रदूषण स्तर मापेगी, साथ ही अन्य बिंदुओं पर कार्रवाई करेगी। एक दिन पहले ही नोटिस जारी हुआ है, इसे पीसीबी और कलेक्टर तक पहुंचने में समय लगेगा। इस मामले में भोपाल के पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष पांडेय ने बताया कि सीमेंट में मौजूद हानिकारक तत्व श्वसन तंत्र को खराब करते हैं, साथ ही फेफड़ों के रोग, कैंसर का कारक भी हैं। त्वचा आंखों का रोग भी हो सकता है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ऐसी इकाईयों के संचालन एवं निर्माण हेतु नई गाइडलाइन जारी की है, इसके तहत ही ऐसे उपक्रमों का संचालन होना चाहिए, मानव स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर कोई भी कारोबार नहीं किया जा सकता, रेलवे इन तथ्यों की अनदेखी कर रही है। इटारसी रेल माल गोदाम 40 सालों से शहर में चल रहा है, जिसकी वजह से यहां एयर, वॉटर और सॉइल पाल्यूशन हो रहा है।
बता दें कि इटारसी रेल माल गोदाम में सीमेंट और फर्टिलाइजर की रैक बहुतायत में आती है। याचिककर्ता की ओर से वकील आयुष गुप्ता ने कहा कि मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को है, तब तक रेलवे को अपना जवाब भी देना है और नर्मदापुरम कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी को अपनी रिपोर्ट भी सबमिट करनी है। इस कमेटी में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर भी रहेंगे।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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