इटारसी। अंतरराष्ट्रीय रामानुज संप्रदाय की सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख बड़ी गादी श्रीश्री रामानुज स्वामी के द्वितीय अवतार श्री वरवरमुनि स्वामी द्वारा स्थापित अष्ट गादी में प्रधान एवं प्रथम श्री तोतादृ (श्री वानमामलै रामानुज जीयर गादी) के 31 वें पीठाधिपति अनन्तश्री विभूषित मधुरकवि वानमामलै रामानुज जीयर स्वामी नैमिषारण्य प्रवास के अंतर्गत 30 जनवरी को इटारसी आ रहे हैं।
उनका रात्रि प्रवास इटारसी श्री निवास मण्डप, स्टेट बैंक कॉलोनी श्री श्री 1008 स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज के स्थान में होगा। पश्चात 31 जनवरी को प्रात: कटनी के लिये प्रस्थान होगा। ज्ञातव्य है कि इटारसी के श्री सुदर्शनाचार्य महाराज इसी तोतादृ गादी की शिष्य परम्परा के वैष्णव आचार्य हैं। विगत लगभग 40 वर्ष से इटारसी में निवास करते हुए देश भर में धर्म प्रचार कर रहे हैं । वत्र्तमान में इनके उत्तराधिकारी युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य भी धर्मप्रचार में संलग्न हैं।
युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य ने बताया वानमामलै रामानुज जीयर स्वामी जी का पदार्पण इटारसी नगर में प्रथम बार नैमिषारण्य जाते हुए हो रहा है । स्वामी जी नानगुनेरी (तमिलनाडु ) से सड़क मार्ग से चेन्नई, हैदराबाद, महाराष्ट्र के वर्धा पहुंचेंगे। इटारसी स्टेट बैंक कॉलोनी श्रीनिवास मंडप से युवराज स्वामी रामकृष्ण आचार्य जी स्वामी जी को लेने वर्धा महाराष्ट्र रवाना हो गए हैं, वे स्वामी जी को वर्धा से इटारसी लेकर आएंगे और श्रीनिवास मंडप में गोष्टी के सदस्य एवं नागरिक स्वागत कर सकेंगे।
इटारसी में होगा ऐतिहासिक स्वागत
इटारसी में रामानुज सम्प्रदाय अनुयायी सनखेड़ा नाका से स्वागत करके पुरानी इटारसी, सराफा बाजार, तुलसी चौक, जयस्तंभ चौक, सूरज चौराहा होकर श्री निवास मंडप जाएंगे। जगह-जगह पर स्वामी जी का स्वागत किया जाएगा। यदि समय अनुकूल रहा तो स्वामी जी के प्रवचन श्रीनिवास मंडपम में हो सकेंगे, जिसकी तैयारियां की जा रही है।