चूरना रेंज की डबरादेव बीट में टायगर का हुआ था शिकार, काट ली गर्दन

Aakash Katare

इटारसी। तीन दिन पूर्व सतपुड़ा टायगर रिजर्व की डबरादेव बीट में जिस टायगर का शव मिला था, उसका शिकार किया गया है। इससे एसटीआर के रेंज में पदस्थ अमले की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं। कुछ दिनों तक अफसर इस विषय पर बात करने से बचते रहे हैं। अब शिकार की बात को मान लिया गया है।

शिकारियों ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में घुसकर बाघ का शिकार कर उसका सिर काट दिया। एसटीआर के चूरना रेंज के डबरा देव बीट में 26 जून को बाघ का शव क्षत-विक्षत मिला था। मौके पर उसकी गर्दन नहीं मिली थी। एसटीआर के उपसंचालक संदीप फेलोज ने बाघ के शिकार होने की पुष्टि की। बाघ का सिर काटा है।

टाइगर स्ट्राईक फोर्स मामले में विवेचना कर रही है। एसटीएफ और एसटीआर की टीम कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है। आशंका है कि तांत्रिक क्रिया के लिए टाइगर का शिकाय कर गर्दन काटी है।

बड़ा सवाल यह है कि एसटीआर में पुख्ता सुरक्षा बंदोवस्त के बीच आखिर शिकारी कोर एरिया में घुसकर बाघ का शिकार कर कैसे भाग गए? इस घटना ने एसटीआर की गश्ती टीम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किये हैं क्योंकि बाघ का शिकार होने के पांच दिन बाद उसका शव मिला था।

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