मणिपुर घटना से आदिवासियों में रोष, राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन

Post by: Rohit Nage

इटारसी। आज सोमवार को सैकड़ों की संख्या में आदिवासी (Adivasi) समाज संगठन की ओर से मणिपुर (Manipur) हिंसा में तीन आदिवासी महिलाओं का गैंगरेप और निर्वस्त्र कर घुमाने जैसा जघन्य अपराध के विरोध में तहसीलदार को एक ज्ञापन दिया। आदिवासी नेताओं ने कहा कि यह घटना बर्बरता पूर्ण भयावह है, इसने देश को शर्मसार किया है।

युवा नेता आकाश कुशराम (Akash Kushram) ने कहा कि लगभग तीन महीने से मणिपुर में हिंसा जारी है, यह कुकी, नागा आदिवासी समुदाय को टारगेट कर उत्पीडऩ किया जा रहा है, हिंसा को काबू करने में मणिपुर सरकार पूरी तरह फैल साबित हुई है। सैकड़ों लोगों, महिलाओं, बच्चों की हत्या की गई, हजारों लोग घायल हैं, लगभग 60 हजार लोग अपने घर छोड़कर पर मजबूर हुए हैं। देशभर में आदिवासियों पर तेजी से लगातार जघन्य अत्याचार और अन्याय हो रहे हैं।

आदिवासियों ने राष्ट्रपति (President) के नाम दिये ज्ञापन में निवेदन किया है कि आदिवासी महिलाओं के साथ जघन्य कृत्य कर देश को शर्मसार करने वाले दोषियों को फांसी की सजा देने, मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने और देश के आदिवासियों को सुरक्षा प्रदान करने की कार्यवाही की जाए।

बिजली की समस्या लेकर दिया ज्ञापन

ग्राम बाबई खुर्द और ग्राम जमानी के रहवासियों ने भी एसडीएम के नाम ज्ञापन देकर उनके यहां पिछले कई दिनों से चली आ रही बिजली की समस्या की जानकारी देकर व्यवस्था में सुधार कराने की मांग की है। इस अवसर पर आदिवासी छात्र संगठन प्रदेश सचिव आकाश कुशराम, बदामीलाल अहके, युवा पार्षद राहुल प्रधान, विजय कावरे, लक्ष्मण परते, पुरुषोत्तम धुर्वे, मनीषा धुर्वे, रजत मर्सकोले, लक्ष्मण उईके, सचिन मेहरा, अजय सरयाम, रोशन धुर्वे, अशोक भल्लावी, राघवेंद्र उइके, पवन धुुर्वे, पवन मर्सकोले, संजय युवने, शिवलाल उईके, अंकित यूवने, संजू तुमराम, विनोद, जय नारायण परते, कमलेश उईके, रामशंकर उइके, संदीप परते, अरविंद धुर्वे साथ ही बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित हुए।

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