सूरज-चांद पर जाना है तो संस्कृत जरूरी-प्राचार्य मिश्रा

Post by: Rohit Nage

नर्मदापुरम। आप अंग्रेजी (English) का ज्ञान प्राप्त करें, यह अच्छी बात है, लेकिन यदि आपको चांद (Chand) पर जाना है, सूरज (Suraj) के बारे में जानना है और अंतरिक्ष के रहस्यों को खोजना है तो संस्कृत (Sanskrit) का ज्ञान अर्जित करना ही होगा। यह बात सोमवार को संस्कृत सप्ताह के तहत समेरिटंस स्कूल मालाखेड़ी (Samaritans School Malakhedi) में आयोजित गीत, श्लोक प्रतियोगिता के निर्णायक के रूप में उपस्थित संकुल प्राचार्य श्रीमती अर्चना मिश्रा (Complex Principal Mrs. Archana Mishra) ने कही।

कार्यक्रम में स्कूल के निदेशक डॉ. आशुतोष शर्मा (Dr. Ashutosh Sharma), सुमिता द्विवेदी (Sumita Dwivedi), एसएनजी स्कूल (SNG School) के व्याख्याता डीएन व्यास (DN Vyas) और भरत मेहरा (Bharat Mehra) भी उपस्थित थे। इस अवसर पर श्रीमती मिश्रा ने कहा कि संस्कृत सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह और रुचि देखकर प्रसन्नता हो रही है बच्चों द्वारा प्रस्तुत संस्कृत गीत और श्लोक सुनकर हृदय गद गद हो गया। उन्होंने कहा कि संस्कृत एक भाषा नहीं बल्कि सम्पूर्ण संस्कृति है। इसके उत्थान से ही समाज और देश का उत्थान हो सकता है।

उन्होंने चयनित कार्यक्रमों को आगामी एक सितंबर को ब्लाक स्तरीय प्रतियोगिता में प्रस्तुत करने की बात कही। कार्यक्रम के बाद संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में नारियल के पौधे रोपे गए। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती काशी चौहान (Mrs. Kashi Chauhan) और वीणा सेनापत (Veena Senapat) ने संस्कृत में किया। आभार प्रमोद शर्मा (Pramod Sharma) ने व्यक्त किया।

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