आरपीएफ के प्रधान आरक्षक को 04 वर्ष का सश्रम कारावास

Post by: Rohit Nage

नर्मदापुरम। विशेष न्यायाधीश जफर इकबाल (Zafar Iqbal) (विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) नर्मदापुरम (Narmadapuram) के न्यायालय द्वारा आरोपी जितेंद्र कुमार वर्मा (Jitendra Kumar Verma) को धारा-7 भ्र.नि.अधि. में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा-13(1)(डी) सहपठित धारा 13(2) भ्र.नि.अधि. में 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 2000 रुपए रूपये अर्थदंड से दंडित किया।

जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा (Rajkumar Nema) ने बताया कि प्रकरण का फरियादी शिवकुमार यादव (Shivkumar Yadav) मनहारी का सामान घूम-फिरकर बेचने का काम करता था, उसके द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गयी थी कि वह रामजी बाबा मेला में सामान बेचने के लिये गया था। आरपीएफ पुलिस होशंगाबाद के वर्मा जी ने पकड़कर केस बना दिया और मनहारी का सामान जब्त कर लिया है और सामान छोडऩे के एवज में 1000 रुपए मांग रहे हैं। लोकायुक्त के निरीक्षक अमरेश बोहरे ने जांच की। जांच के दौरान फरियादी शिवकुमार ने आरोपी जितेंद्र कुमार वर्मा से वार्तालाप रिकॉर्ड की गयी। वार्तालाप में पाया कि जितेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा 1000 रूपये की मांग की जा रही है।

फरियादी शिवकुमार 900 रुपये देने के लिये तैयार हुआ, जिसके बाद लोकायुक्त भोपाल के ट्रेप दल के द्वारा जितेंद्र कुमार वर्मा को 27 फरवरी 2018 को फरियादी शिवकुमार से 900 रुपए लेतेे हुए रंगे हाथ पकड़ा। ट्रेप दल का नेतृत्व लोकायुक्त निरीक्षक अमरेश बोहरे ने किया। प्रकरण की विवेचना अमरेश बोहरे ने की तथा प्रकरण की अग्रिम विवेचना निरीक्षक संजय शुक्ला ने किया। विवेचना उपरांत आरोपी जितेंद्र कुमार वर्मा के विरूद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय नर्मदापुरम के समक्ष पेश किया गया।

अभियोजन द्वारा विचारण के दौरान 13 साक्षियों के कथन कराये गये। न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्क पर विचार करते हुए आरोपी को रिश्वत मांगने एवं लेने के आरोप में दोषी पाते हुए दोनों ही धाराओं में 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 -1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक लोकायुक्त दिनेश कुमार यादव, जिला-नर्मदापुरम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।

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