: पंकज पटेरिया –
हरदा हादसे से अकेला हरदा नहीं सूबा भी हिल गया। कहने की जरूरत नहीं कि आगामी दिन में कौन सी और कैसी कठोर कार्यवाही शासन स्तर से होने वाली है। जो एक सख्त सबक की तरह याद रखी जाएगी। जाहिर है इससे ब्यूरोक्रेसी में भी खलबल है।
माननीय मुख्यमंत्री डा मोहन यादव खालीस गोली कैप्सूल नहीं, फूल माइंड डीप सिजेरियन ऑपरेशन के मूड में है । चूँकि पुरानी फाइल ऐसे खौफजदा गुजरे हुए हादसे उनकी नोटिस में है।
सूत्र कहते हैं पहले वाले मामले में जिम्मेदार सजा काट रहे थे,फिर उन्हें जमानत क्यों दी गई। दूसरे एक हुजूर ने लाइसेंस रद्द कर दिया था। तो दूसरे साहब बहादुर ने क्यों जारी कर दिया। मलवे के साथ लाशे अंग प्रतंग, जेसीबी और पोकलेन मशीन मुशदेती से सकेलने लगी रही। देखते देखते समतल हो गया सारा का सारा मलबा साफ। मरने वालों की सही जानकारी अभी भी
साफ नहीं। एक उपलब्धि यह जरूर है कि तीन जबावदार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। भविष्य में क्या होगा ईश्वर जाने विपक्ष के अपने नजरिए, सरकार का अपना एटीट्यूड। सामने चुनाव भी है। लेकिन सोच सोच कर दिल बैठने लगता हैं कि जाने क्या गुजर रही होगी उन दिलो पर जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़े, अपने सुहाग और अपनी जान से प्यारा खो दिया।
परमपिता उन सभी दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करें ओम शांति।
पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
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