: पंकज पटेरिया –
इन दिनों राजधानी के सियासी प्याले में इस बात से तूफान आया हुआ है कि पूर्व सीएम कमलनाथ भाजपा का दामन थामने वाले है। जरनेलीजम की भाषा मे अंग्रेजी में, इसे स्टॉर्म ऑफ कप कहते हैं जिसे प्याली में तूफान हिंदी में कहा गया। यह खेल तो राजनीति में चलता है। कोई हैरानी नहीं, लेकिन बात तो बात की यह है कि इसको लेकर बड़ा कुहासा है। कमलनाथ जी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ बोले नहीं।
उनके निकटवर्ती लोग कहते है ऐसा कुछ नही। दूसरी ओर एक तबगा यह भी कहता है, हम साहब साथ ही है। जहां साहब वहां हम क्षमा करें। इसे अपने देहाती भाषा में कहते हैं जहां बम है वहां हम है।
वैसे सियासी पंडित यह कहते है कि इस तरह के फेंसले जल्दबाजी में नहीं लिए जाते। अपने नफा नुकसान की नोंक जोक कर लिए जाते है। यह बात जरूर है शायर बशीर बद्र के इस शेर के कोई यूं ही बेवफा नहीं होता…। अब यह भी आने वाले दिनों में खुलासा हो जायेगा। लेकिन एक तरफ एक धड़े में बकोल इस शेर के ओंठ सीए बैठे है लोग दिल के अंदर महशर है। इन दरख्तो से फल नहीं गिरते इनके आगे आंधिया रख जा।
जय श्री राम
पंकज पटेरिया
वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार
ज्योतिष सलाहकार
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