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मान्यता है कि कल्पवृक्ष के दर्शन मात्र से पूरी हो जाती है मनोकामना

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इटारसी। शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित केसला विकासखंड (Kesla Development Block) के पुलिस थाना परिसर (Police Station Complex) में हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) परिसर में कल्पवृक्ष (Kalpavriksha) मौजूद है। पुराने की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संपूर्ण भारत देश में कल्पवृक्ष दुर्लभ स्थान में पाए जाते हैं। ऐसी ही स्थिति केसला के घने जंगलों वाले क्षेत्र में केसला थाना में स्थित हनुमान मंदिर परिसर में कल्पवृक्ष देखा गया है, जो कि कई सालों पुराना है।

सनातन धर्म संस्कृति की मान्यता के अनुसार महाभारत काल ((Mahabharata period)) से कल्पवृक्ष का किसी स्थान पर होना। अत्यंत पवित्र माना गया है। इतना ही नहीं कल्पवृक्ष के दर्शन साल भर में पढऩे वाले तीज त्योहार की तिथियों में पवित्र माना गया है। ऐसा भी माना जाता है कि कल्पवृक्ष के दर्शन मात्र से ही मनुष्य की अनेक मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं। कल्पवृक्ष देवलोक का एक वृक्ष माना जाता है। इसे कल्पद्रुप, कल्पतरु, सुरतरु देवतरु तथा कल्पलता आदि नामों से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार समुद्रमंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष भी था।

यह इंद्र को दे दिया गया था और इंद्र ने इसकी स्थापना सुरकानन में कर दी थी। हिंदुओं का विश्वास है कि कल्पवृक्ष से जिस वस्तु की भी याचना की जाए, वही यह दे देता है। इसका नाश कल्पांत तक नहीं होता। सिद्ध, नाथ और संत कल्पलता या कल्पवल्लरी संज्ञा ‘उन्मनी’ को देते हैं क्योंकि उनके मतानुसार सहजावस्था या कैवल्य की प्राप्ति के लिए उन्मनी ही एकमात्र साधन है जो न केवल सभी कामनाओं को पूरी करनेवाली है अपितु स्वयं अविनश्वर भी है और जिसे मिल जाती हैं, उसे भी अविनश्वर बना देती है।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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