टैक्स जमा करो, नहीं तो होगी संपत्ति नीलाम

सीएमओ ने ली राजस्व विभाग की बैठक

सीएमओ ने ली राजस्व विभाग की बैठक
इटारसी। जो लोग नगर पालिका का टैक्स जमा करने में रुचि नहीं ले रहे हैं, और जिन पर लाखों रुपए बकाया है, उनको आगामी 11 फरवरी की लोक अदालत में एक अंतिम अवसर दिया जाएगा। बावजूद इसके वे टैक्स जमा करने में रुचि नहीं लेते हैं तो नगर पालिका उनकी संपत्ति की नीलामी की कार्रवाई करेगी। यह निर्देश सीएमओ ने आज दोपहर यहां नगर पालिका के राजस्व विभाग की बैठक में दिए। सीएमओ ने वसूली में पिछड़ रहे सहायक राजस्व निरीक्षकों के कामकाज के प्रति ढील पर नाराजी जतायी और काम में सुधार लाने के निर्देश दिए।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेश दुबे ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में कर वसूली में कमी पर नाराज़ी जतायी। उन्होंने कहा कि हर माह जलकर और अन्य सभी करों के बिल वितरित किए जाएं। उन्होंने सभी सहायक राजस्व निरीक्षकों से अनिवार्य रूप से कम्प्यूटर सीखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो कम्प्यूटर नहीं सीखेंगे उनका इंक्रीमेंट रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि तीन दिन में कम्प्यूटर से बिल जेनरेट होकर वितरित होना शुरु करें। इसके लिए राजस्व निरीक्षक संजय दीक्षित और राजस्व उपनिरीक्षक संजीव श्रीवास्तव की जबावदेही तय की। इसी तरह सीएमओ ने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे जीआईएस सर्वे के आधार पर टैक्स निर्धारण करें तथा आपत्ति मंगाएं. पंद्रह दिन में जीआईएस सर्वे के आधार पर टैक्स का निर्धारण करने के निर्देश दिए. बैठक में राजस्व निरीक्षक संजय दीक्षित, राजस्व उप निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव, सब इंजीनियर और जल शाखा प्रभारी एसके बोहरे सहित सहायक राजस्व निरीक्षक मौजूद थे।
बाजार के बकायादारों पर फोकस
बैठक के दौरान बाजार में कर वसूली करने वाले सहायक राजस्व निरीक्षकों ने बताया कि कई दुकानदार टैक्स देने में आना काना कर रहे हैं। सीएमओ श्री दुबे ने कहा कि ऐसे लोगों को नोटिस भेजकर 11 फरवरी को लगने वाली लोक अदालत में बुलाएं। यदि फिर भी वे रुचि नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की अनुशंसा की जाए. सीएमओ ने कहा कि 30-40 रुपए किराया होने के बावजूद कुछ दुकानदारों ने टैक्स अदा करने में रुचि नहीं ली और उनका एक लाख तक बकाया हो गया। दुकानदारों से अनुबंध के मामले में भी सीएमओ श्री दुबे ने निर्देश दिए कि अनुबंध कराने के लिए दुकानदारों को नोटिस दिए जाएं जिसमें यह बता दिया जाए कि अनुबंध नहीं होगा तो नपा संबंधित का कब्जा नहीं मानकर उस दुकान की नीलामी भी कर सकती है।
अवैध कनेक्शन वैध किए जाएंगे
बैठक में जलकर पर भी चर्चा हुई और जलकर की वसूली सबसे कम आने पर चिंता व्यक्त की गई। बताया जाता है कि नब्बे फीसदी लोग जलकर देने में रुचि नहीं ले रहे हैं। ऐसे लोगों को लोक अदालत के माध्यम से जलकर जमा कराएं। इसी तरह से अवैध नल कनेक्शन को वैध कराके राजस्व बढ़ाने के निर्देश भी सीएमओ ने दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के नल कनेक्शन अवैध हैं, उनसे करंट और पिछला एक वर्ष का जमा कराके उसे वैध किया जाए. यदि वैध कराने में कोई रुचि नहीं लेता है तो फिर उससे पिछला सारा पैसा जमा कराया जाए. इसके बाद भी कोई टैक्स जमा नहीं करता और कनेक्शन भी वैध नहीं कराता है तो उसके खिलाफ विधि सम्मत कार्यवाही की जाए। ऐसे लोगों को लोक अदालत के माध्यम से राशि जमा कराने के लिए प्रेरित किया जाए।
नल कनेक्शन का किया जाएगा सर्वे
सीएमओ श्री दुबे ने कहा कि शहर में नल कनेक्शन का सर्वे किया जाए। अवैध कनेक्शन हो तो मौके पर सारी कागजी कार्यवाही कराके कनेक्शन वैध करें. कितने कनेक्शन वैध हैं और कितने अवैध यह पता लगाएं फिर अवैध वालों को लोक अदालत में बुलाएं और वहीं उनसे कनेक्शन वैध कराएं। बैठक में यह भी बात सामने आयी कि कुछ लोगों की नल कनेक्शन की रसीद कट गई और डिमांड चलने लगी लेकिन उनके यहां कनेक्शन ही नहीं हुए। ऐसे मामलों को जल्द से जल्द निबटाकर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश सीएमओ ने दिए। जहां पाइप लाइन नहीं हैं और लोगों के नाम कनेक्शन दर्ज हैं, ऐसी स्थिति को जल्द से जल्द खत्म करें ताकि सही तस्वीर सामने आ सके। जो लंबे समय से पानी ले रहे, नाम पर कनेक्शन नहीं, उससे एक वर्ष का एरियर्स लेकर कनेक्शन वैध करें।

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