नेशनल लोक अदालत में ज्यादातर बैंक और टेलीफोन कंपनी फेल

नपा, एसबीआई और बिजली कंपनी वसूली में अव्वल
इटारसी, 11 फरवरी. नेशनल लोक अदालत में सबसे अधिक राजस्व नगर पालिका को मिला. वसूली में दूसरे नंबर पर मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रही जबकि ज्यादातर बैंकों और भारत संचार निगम लिमिटेड के खाते में एक भी रुपए नहीं आए. केवल भारतीय स्टेट बैंक के खाते में करीब साढ़े सात लाख और सेंट्रल ग्रामीण बैंक के खाते में 22 हजार 5 सौ रुपए की राशि आयी है. नगर पालिका ने करीब 16 लाख रुपए वसूले तो बिजली विभाग के खाते में करीब सवा चार लाख रुपए आए. लोक अदालत में आपराधिक, सिविल और प्रीलिटिगेशन के मामलों में सुनवाई करके समझौते हुए. आज की लोक अदालत के माध्यम से एक परिवार बिखरने से भी बच गया और पति-पत्नी ने बजाए तलाक के रास्ते जाने, समझौता करके मासूम बच्चों की भविष्य की चिंता की और जिं़दगी में पुन: साथ चलने की कसमें खाईं और सूरज की पहली किरण के साथ नया जीवन शुरु करने पर सहमत हुए. वन विभाग ने जिनके प्रकरण निराकृत हो गए उन्हें पौधे वितरण किए.
सुबह अदालत परिसर में एसीजेएम अरुण श्रीवास्तव ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके लोक अदालत का शुभारंभ किया. इस अवसर पर जेएमएफसी राघवेन्द्र श्रीवास्तव, आनंद जाम्भुलकर, श्रीमती मीनल श्रीवास्तव के साथ ही अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रघुवंश पांडेय और संघ के अधिवक्ता भी मौजूद थे.
चार कोर्ट लगी : नेशनल लोक अदालत के लिए शनिवार को चार कोर्ट लगी. एसीजेएम अरुण श्रीवास्तव की कोर्ट में 40 प्रकरणों का निबटारा हुआ जिसमें 12 रेग्युलर और 28 प्रीलिटिगेशन के थे. इसी तरह से जेएमएफसी आनंद जाम्भुलकर की अदालत में 10 आपराधिक प्रकरण, जेएमएफसी श्रीमती मीनल श्रीवास्तव की अदालत में 11 आपराधिक प्रकरण, जेएमएफसी राघवेन्द्र श्रीवास्तव की अदालत में 10 क्रिमिनल और 2 सिविल के प्रकरण निराकृत हुए. अधिवक्ताओं ने भी लोक अदालत के प्रकरणों के निराकरण में महती भूमिका निभाई.
बैंकों में ज्यादातर फेल : भारतीय स्टेट बैंक और सेंट्रल ग्रामीण बैंक को ही लोक अदालत से बकाया राशि प्राप्त हुई है जबकि देना बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ इंडिया और भारत संचार निगम के खाते में एक भी रुपए नहीं आया. लोक अदालत में भोपाल एसबीआई मुख्यालय से उपमहाप्रबंधक श्रीमती गीता पिल्लई, एनपीए प्रभारी राघवन और होशंगाबाद मुख्यालय से मुख्य प्रबंधक मनोज गुप्ता, इटारसी मुख्य ब्रांच से कमलेश वर्मा मौजूद थे. एसबीआई की मुख्य ब्रांच, केसला और नीमवाड़ा ब्रांच को मिलाकर साढ़े सात लाख की वसूली हुई है.
बच्चों की मासूमियत जीती : नेशनल लोक अदालत में जहां आपराधिक, सिविल और प्रीलिटिगेशन के मामले निराकृत हुए वहीं एक भावनात्मक पहल के बाद परिवार बिखरने से बचा है. सोहागपुर के एक परिवार को बचाने के लिए जेएमएफसी राघवेन्द्र श्रीवास्तव की महती भूमिका रही है. अधिवक्ता पारस जैन और रवि सोनी ने भी दंपत्ति को समझाइश देकर राजी करने में भूमिका निभाई. दरअसल सोहागपुर के मुस्ताक का निकाह 2008 में नाला मोहल्ला की शमशाद के साथ हुआ था. दोनों के दो बच्चे भी इस दौरान हुए. लेकिन किसी कारण से मुस्ताक ने इटारसी कोर्ट में तलाक की अजऱ्ी लगा दी थी. वे दोनों काफी लंबे समय से एकदूसरे से अलग रह रहे थे. लोक अदालत के माध्यम से दोनों को उनके बच्चों के भविष्य का हवाला दिया और परिवार टूटने से होने वाले नुकसान बताए. काफी प्रयासों के बाद अंतत: दोनों एकदूसरे के साथ रहने को राज़ी हुए.

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