नर्मदापुरम। कलेक्टर सोनिया मीना (Collector Sonia Meena) ने अशासकीय निजी विद्यालयों एवं अन्य स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्कूल बैग पॉलिसी (School Bag Policy) 2020 का पालन करने के निर्देश दिए है। जिसमें कक्षावार बस्ते के वजन की सीमा तय की गई है। शासकीय/ अशाकीय/अनुदान प्राप्त विद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर बस्ते के वजन का चार्ट प्रदर्शित किया जाएगा।
जारी निर्देश में कहा है कि कक्षा 2 के विद्यार्थियों को गृह कार्य नहीं दिया जाए, कक्षा 3 से 5 वी तक के विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह 2 घंटे, कथा 6 वी से 8 वी तक प्रतिदिन 1 घंटे का ही गृह कार्य दिया जाए। शाला प्रबंधन समिति के द्वारा ऐसी समय सारणी तैयार की जाए जिसमें विद्यार्थीयों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें/अभ्यास पुस्तिकाएं / कॉपियां नहीं लानी पड़ें और बस्ते का वजन निर्धारित सीमा से अधिक न हो। शाला प्रबंधन द्वारा कक्षा 8 वी तक के विद्यार्थियों के लिये अभ्यास पुस्तिकाएं वर्कबुक एवं अन्य सामग्री को शाला में ही रखने की व्यवस्था की जाए। कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य शारीरिक शिक्षा, खेल एवं कला की कक्षाओं के लिए कक्षांए बिना पुस्तकों के ही लगाई जाएं। स्कूल को जिस बोर्ड से मान्यता प्राप्त है उस बोर्ड के नियमों अनुसार पुस्तकों अनुसार परीक्षा ली जाए।
विद्यार्थियों में सप्ताह में एक दिन बैग विहीन दिवस के रूप में निर्धारित किया जाए। विद्यालयों में इस दिवस व्यवसायिक कार्यानुभव से संबंधित गतिविधियां संपन्न कराई जाए। विद्यार्र्थियों के बस्ते का वजन निर्धारित सीमा में ही है, इस हेतु समस्त बीईओ, बीआरसी, संकुल प्राचार्य, जनशिक्षक के कार्यालय में 1 वजन करने वाली मशीन क्रय की जाए तथा प्रत्येक 3 माह में शासकीय/अशासकीय/अनुदान प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थीयों के स्कूल बैग की जांच की जाकर प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को भिजवाया जाए।