इटारसी को मिली खुशी, होशंगाबाद की पार्टी मायूस
इटारसी। करीब ढाई माह से क्षेत्र में वसूली को लेकर चले आ रहे विवाद का पटाक्षेप हो गया। पुलिस के पास विवाद को लेकर पहुंची होशंगाबाद की पार्टी का आरोप था कि पिछले बार जो नियम और शर्तें तय हुईं थी, उसे इटारसी की पार्टी ने तोड़ दिया है। पुलिस ने दो माह तक किसी भी पार्टी द्वारा की जाने वाली वसूली पर रोक लगा दी थी। लेकिन, होशंगाबाद की पार्टी का कहना है कि इटारसी की पार्टी ने बाज़ार में वसूली शुरु करके वायदा खिलाफी की है।
आज पुलिस ने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया। पुलिस ने इटारसी शहर को दो हिस्सों में बांट दिया। अब किन्नर पांची की पार्टी रेलवे स्टेशन से सोनासांवरी जाने वाली रोड के दूसरी तरफ पश्चिम इटारसी और पुरानी इटारसी के अलावा ग्रामीण अंचल में बधाई लेगी जबकि नीतू, रेशम की टोली होशंगाबाद शहर के साथ ही पूर्वी इटारसी में बख़्सीश लेगी। इस फैसले से इटारसी की पांची टोली के किन्नरों ने सहमति जताते हुए जश्न मनाया वहीं होशंगाबाद की टोली फैसले को मान तो गई, लेकिन वे इससे मायूस हो गए। होशंगाबाद की टोली की इच्छा थी, कि उन्हें पूरी इटारसी का अधिकार मिले जबकि होशंगाबाद का पूरा शहर उनके पास पहले से ही गुरु द्वारा किए विभाजन के बाद से है।
ढाई माह पूर्व ये हुआ था फैसला
दिसंबर में किन्नरों के दोनों गुटों में तब विवाद हो गया था जब पांची किन्नरों का दल सिंधी कालोनी में वसूली कर रहा था और उसी वक्त होशंगाबाद की टीम पहुंच गई थी। होशंगाबाद की टोली का कहना था कि पांची को पुरानी इटारसी और गांवों का अधिकार मिला था जबकि होशंगाबाद और शेष इटारसी पर उनका अधिकार था। उस वक्त विवाद को देखते परिवार परामर्श केन्द्र में समझाइश दी गई कि दो माह तक दोनों गुट कहीं भी वसूली नहीं करेंगे। फैसले के लिए 7 फरवरी की तिथि तय की गई थी, लेकिन किसी तरह से यह समय लंबा हो गया और पुन: दोनों गुटों में विवाद हो गया। अंतत: आज पुलिस अधिकारियों ने विभाजन को अंतिम रूप दे दिया।
गुरु ने किया था ये विभाजन
किन्नरों के जिन दो गुटों में विवाद चल रहा है, वे एक ही गुरु के चेले हैं। होशंगाबाद निवासी किन्नर रम्मो अब इस दुनिया में नहीं है। अंतिम वक्त में उन्होंने पुरानी इटारसी और आसपास के गांवों में विवाह, जन्म और अन्य ऐसे ही खुशी के मौके पर बधाई वसूली का अधिकारी पांची गुट को दिया था। इसी तरह से होशंगाबाद में उनके छह चेले थे जिनमें नीतू, रेशम और अन्य चार को शेष इटारसी और होशंगाबाद शहर मिला। इधर पांची ने भी अपना एक गुट बना लिया और उसके चेले गांवों और पुरानी इटारसी में वसूली कर रहे थे। लेकिन साथ ही वे इटारसी शहर में भी वसूली करने लगे थे तो विवाद की शुरुआत हो गई थी, अब उन्हें आधा हिस्सा मिलने से खुशी है।
अब यह रहेगी स्थिति
इटारसी की टोली के पास रहेंगे-
पुरानी इटारसी, सूरजगंज, मालवीयगंज, पंजाबी मोहल्ला, गांधीनगर, नाला मोहल्ला, नेहरुगंज, ईदगाह के आसपास का इलाका और सिंधी कालोनी, देशबंधुपुरा।
होशंगाबाद की टोली को यह मिला –
बाजार क्षेत्र, सराफा बाजार, सब्जी मंडी, न्यास कालोनी, नई गरीबी लाइन, पीपल मोहल्ला, खेड़ा क्षेत्र, पुरानी गरीबी लाइन, पहली से तेरहवी लाइन, पुलिस लाइन आदि।
इनका कहना है …!
किन्नरों का गुट हमारे पास आया था, हमने शहर को दो हिस्सों में बांटकर विवाद को खत्म कर दिया है। अब इटारसी का गुट शहर के पश्चिम हिस्से और पुरानी इटारसी में वसूली करेगा जबकि होशंगाबाद का गुट पूर्वी हिस्से में और होशंगाबाद में वसूली करेगा।
भूपेन्द्र सिंह मौर्य, टीआई