इटारसी। राम जी की हर कथा में हनुमान जी की उपस्थिति होती है। हनुमान जी के जीवित होने के 3 प्रमाण हैं। रामराज्य में पहले पिता की मौत होती थी, लेकिन हनुमान जी के पिता पवन देव जब जीवित हैं, तो हनुमान जी की मौत कैसे हो सकती है? उक्त उद्गार स्वामी विदेह महाराज ने मंजी बाबा परिसर नाला मोहल्ला में चल रही श्री राम कथा के आठवें दिन व्यक्त किये।
श्रीराम कथा के आठवें दिवस भक्तों को हनुमान जी की कथा का श्रवण कराते हुए विदेह महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति का सारा सार ग्रंथों में समेटा गया है। जो बोला जाए उसका प्रमाण तो ग्रंथों में ही मिलता है। कथा को विस्तार देते उन्होंने कहा कि एक संत को अशोक वाटिका के फूल सफेद दिखाई दिए। हनुमान को लाल और जानकी जी को श्याम रंग के दिखाई देने पर हुए विवाद का रामजी ने सरल शब्दों में तीनों को समझाते हुए उत्तर दिया। अंजनी के विवाह की रोचक कथा का वर्णन किया।
विदेह महाराज ने इस अवसर पर हनुमान के विभन्न नामों का उलेख किया। शनिवार को कथा का विधिवत समापन किया जाएगा। इस अवसर पर महा आरती के साथ प्रसाद वितरण किया जाएगा। कथा के आयोजक महेश उदयपुरिया ने समस्त नगर वासियों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की।