इटारसी। शहर की प्रतिभावान संगीत शिक्षिका, गायिका और कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त दिव्यकांता राजपूत का निधन हो गया है। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है। दिव्यकांता की प्रारंभिक गुरु उनकी माता श्रीमती लता राजपूत ही रहीं हैं, जिन्होंने बचपन से संगीत की शिक्षा दी। इसके बाद विधिवत शिक्षा बृजमोहन दीक्षित से सन् 2000 से प्राप्त की। सन् 2008 में संगीत में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। 2006 से विभिन्न संस्थानों में संगीत की शिक्षा दी और लगभग 200 विद्यार्थियों को संगीत में शिक्षित किया।
उन्हें रोटरी क्लब कंपटीशन विनर गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल नगर पालिका इटारसी, नटराज कला केंद्र इटारसी, इको क्लब द्वारा लोकगीत में सम्मानित, ईटीवी पर ‘फनकार’ कार्यक्रम में प्रतिभागिता, यूथ फेस्टिवल में प्रथम स्थान, संगम कला ग्रुप इटारसी द्वारा सम्मानित, रेलवे स्कूल द्वारा हॉलिस्टिक पर्सनालिटी कैंप में सम्मानित सहित अन्य कई प्रतियोगिताओं,ऑडियो एल्बम, नृत्य नाटिका, स्टेज ड्रामा, लोकगीत तथा गायन तथा कंपोजीशन में सहभागिता व पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। 2001 में देशभक्ति गीत का संग्रह ‘भारत हमको जान से प्यारा’ व 2004 में देवी भजनों का संग्रह ‘चमके चुनरिया माता की’ लॉन्च किया।
विगत 3 वर्षों से वे स्वरमालिका संगीत क्लास का संचालन कर रही थीं। दिसंबर 2022 उज्जैन में श्रेष्ठ संगीत शिक्षक का सम्मान मिला। अप्रैल 2023 में नगरपालिका इटारसी द्वारा भी संगीत शिक्षक का सममन किया गया। विपिन जोशी स्मारक समिति ने भी उनका सम्मान किया था। उनके निधन से संगीत जगत में शोक है। अनेक संगीतकार, गायक, गीतकारों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।