इटारसी। नर्मदापुरम जिले में सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक रोग के प्रकोप की सूचना के बाद, सरकार ने तत्काल राहत और सर्वेक्षण कार्य के निर्देश जारी किए हैं। कलेक्टर कार्यालय ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सर्वे शुरू करें ताकि किसानों को समय पर सहायता पहुंचाई जा सके।
भोपाल में राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति के आकलन के लिए राजस्व, कृषि, उद्यानिकी और पंचायत विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों का एक संयुक्त दल बनाया गया है। इस दल को प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के अनुसार सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं।
इटारसी में भी सर्वे दल का गठन
अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) टी प्रतीक राव ने भी अपने क्षेत्र के लिए एक विशेष दल का गठन किया है। इस दल में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक और ग्राम कोटवार शामिल हैं। इस दल को तीन दिनों के भीतर सर्वे कार्य पूरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
सर्वे दल इन बिंदुओं पर रिपोर्ट देगा
- नुकसान न होने पर : यदि किसी गांव में फसल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, तो इसकी एक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
- 25 प्रतिशत से कम क्षति : यदि 25 प्रतिशत से कम फसल का नुकसान हुआ है, तो किसानों के नाम, खसरा नंबर, रकबा और नुकसान के प्रतिशत सहित एक सूची तैयार की जाएगी।
- 25 प्रतिशत से अधिक क्षति : यदि 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है, तो प्रभावित किसानों के बैंक खाते के विवरण और नुकसान के विस्तृत पत्रक के साथ एक रिपोर्ट बनाई जाएगी ताकि उन्हें जल्द से जल्द राहत राशि वितरित की जा सके।
यह सर्वे कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाएगा। सर्वे के बाद प्रभावित किसानों की सूची ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी और सभी गांव वालों को पढ़कर सुनाई जाएगी, ताकि दावे या आपत्तियों को दर्ज किया जा सके।
राजस्व विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि कीट प्रकोप जैसे पीला मोजेक रोग से हुए नुकसान के लिए योजना शीर्ष 7249 (नॉन ग्लोबल मद) के तहत राहत राशि का वितरण किया जाएगा, जिसके लिए बजट की मांग तत्काल पूरी की जाएगी।








