इटारसी। जीवन में सरल होना सबसे कठिन काम है और जो सरल हो गया उसे भगवान भी सरलता से मिल जाते हैं। इसलिए सरल बनो, सहज बनो। बुराई को छोड़ो, अच्छाई की राह पकड़ो। जीवन में बुराई बहुत जल्दी पकड़ में आती है, वह देर तक याद भी रहती है जबकि अच्छाई पकडऩे में वक्त लगता है और उसे याद रखने में भी मुश्किल आती है। स्वाध्याय की आदत डालेंगे तो अच्छाई जल्दी पकड़ में आएगी। बुरे विचारों को जितनी जल्दी हो सके बाहर निकालो।
यह बात साध्वी श्रीजी दीदी ने यहां न्यास कालोनी में बैकुंठवासी दीपचंद धारगा की स्मृति में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन भक्तों को संबोधित करते हुए कही। दूसरे दिन साध्वी ने सृष्टि वर्णन, कपिलोपाख्यान और धु्रव चरित्र की कथा सुनाई। इस अवसर पर साध्वी का स्वागत आयोजन समिति के सदस्यों ने किया। बुधवार 3 जनवरी को भरत चरित्र, अजमिलोपाख्यान, नृसिंह अवतार और प्रह्लाद चरित्र की कथा होगी।
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जीवन में सरल होना सबसे कठिन है : साध्वी श्रीजी दीदी
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