इटारसी। जीआरपी में 19 दिसंबर को साढ़े चार किलो सोना चोरी के मामले की जो शिकायत हुई है, दरअसल वह मामला अमानत में खयानत का निकला। सोना चोरी की शिकायत झूठी थी जिसे चोरी की कहानी बनाकर जीआरपी को गुमराह करने का प्रयास किया था। जिस फरियादी पंकज कटारिया ने बैग से सोना चोरी करने की शिकायत की थी, वह मुंबई से ही सोना लेकर ट्रेन में नहीं आया था। आज जीआरपी ने मामले में सूक्ष्मता से जांच कर मामले का खुलासा किया है।
पंजाबमेल एक्सप्रेस से मुंबई से इटारसी आए पंकज कटारिया ने साढ़े चार किलो सोना चोरी होने की शिकायत 19 दिसंबर को सुबह जीआरपी में दर्ज करायी थी, वह झूठी निकली। पंकज ने मुंबई के ही दो ज्वेलर्स से लिए कर्ज को चुकाने के लिए यह पूरी स्क्रिप्ट तैयार कर इटारसी जीआरपी को सुनाई थी। लेकिन उसकी चतुराई काम नहीं आयी। विवेचना के दौरान की गई तफ्तीश में सामने आया कि पंकज ने यह माल कल्पना गोल्ड कंपनी से लेकर दिलीप एवं परेश बंगाली के यहां दिया है, जिनसे उसने कर्ज लिया था। जीआरपी मामले को आगे की कार्रवाई लोकमान्य तिलक टर्मिनस मुंबई की पुलिस को सौंपने की तैयारी कर रही है, लेकिन पंकज पर जीआरपी को गुमराह करने पर धारा 182, 211 का प्रकरण पंजीबद्ध किया है। जीआरपी थाना प्रभारी बीएस चौहान ने बताया कि फरियादी पंकज कटारिया प्रारंभ से ही संदेह के घेरे में था।
इन बिन्दुओं पर था संदेह
फरियादी द्वारा जीआरपी को बतायी गई कहानी में ऐसे कई बिन्दु थे जो गले नहीं उतर रहे थे। जिस बैग को काटकर वह सोना चोरी होने की बात कह रहा था, वह बैग इतना नहीं कटा था कि उसमें से जेवर के डिब्बे निकल सकें। फरियादी का रिजर्वेशन 12137 पंजाबमेल के कोच बी/2 की बर्थ 1 एवं 2 पर पर था, लेकिन वह बर्थ नंबर सात पर बैठा होना बता रहा था। यह बर्थ बाहर की तरफ थी। उसके बैग में न तो ताला था और ना ही बैग को सुरक्षित रखा था। लापरवाही से रखे बैग को चोर क्यों काटता, वह पूरा बैग ही लेकर जा सकता था, क्योंकि बैग चेन और ताले से सुरक्षित नहीं किया गया था। साढ़े चार किलो सोना लेकर चलने वाला ट्रेन में निश्चिंत होकर कैसे सो सकता है? इन सारे बिन्दुओं पर जीआरपी ने सूक्ष्मता से जानकारी ली तो कहानी कुछ ओर सामने आयी।
कर्ज चुकाने बनायी चोरी की कहानी
फरियादी पंकज कटारिया से सघन पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने बताया कि वह कल्पना गोल्ड के संचालक मीतेश भाई के यहां से माल लेकर सीधे चीरा बाजार मुंबई पहुंचा और दोनों डिब्बे अपने परिचित परेश और दिलीप बंगाली को सुपुर्द कर वापस अपनी दुकान आकर रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पहुंचा और इटारसी आकर ट्रेन से माल चोरी होने की झूठी शिकायत दर्ज करायी। उसने बताया कि परेश और दिलीप बंगाली से उसका कुछ पुराना लेनदेन था और दोनों उस पर लगातार दबाव बना रहे थे। आखिरकार एक वर्ष से कल्पना गोल्ड के लिए काम कर रहे पंकज के मन में खोट आया और उसने यह कदम उठा लिया। पुलिस इस मामले में परेश और दिलीप बंगाली को भी तलाश रही है, लेकिन वे अपना मुंबई का ठिकाना छोड़कर भाग गये हैं।
मुंबई जाकर निकली सच्चाई
19 दिसंबर को पंकज पिता भंवरलाल कटारिया 37 वर्ष, निवासी सुविधा अपार्टमेंट ईदगाह रोड पालनपुर बनासकांटा गुजरात के मूल निवासी और हाल में 201 अमरालिन बिल्डिंग सैंकंड फ्लोर, 60 फीट रोड भाजी गली भायंदर मुंबई ठाणे, ने जीआरपी थाना इटारसी में शिकायत दर्ज करायी थी तो सबको उसके साथ घटना होने पर कुछ संदेह था। बैग की कटिंग साइज देखकर जीआरपी को संदेह हुआ और थाना प्रभारी बीएस चौहान के नेतृत्व में मुंबई जाकर टीम ने करीब चार दिन काफी चीजें खंगाली और मामले में सफलता अर्जित कर ली। पंकज ने जीआरपी को जो कहानी बतायी थी वह झूठी थी। उसने स्वयं ही साढ़े चार किलो सोना हड़पने की नीयत से झूठी रिपोर्ट लिखायी थी। अब पंकज कटारिया पर जीआरपी को गुमराह करने पर अलग से कार्यवाही की जाएगी।
इनका कहना है…!
यह पूरी तरह से अमानत में खयानत का मामला है, चूंकि घटना स्थल मुंबई का है, हम डायरी भेज रहे हैं अत: आगे की सारी कार्रवाई लोकमान्य तिलक टर्मिनस पुलिस करेगी। यहां उस पर पुलिस को गुमराह करके झूठी शिकायत दर्ज कराने पर 182, 211 का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा।
बीएस चौहान, थाना प्रभारी जीआरपी