इटारसी। संविधान दिवस पर न्यायालय परिसर में एक कार्यशाला में अधिवक्ताओं एवं न्यायालय के कर्मचारियों को संविधान के प्रति सजग रहने और उसका पालन किए जाने की शपथ तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार पांडे ने दिलाई। न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वाति निवेश जयसवाल ने संविधान के मूल भाव का वाचन किया।
इस अवसर पर श्री पांडे ने कहा कि संविधान ने हमें बहुत सी व्यवस्थाएं दी हैं। 26 नवंबर 1949 को संविधान का प्रारूप तैयार हुआ था। इसमें विभिन्न देशों से जो सुझाव आमंत्रित किए थे उसमें से काट छांट करने के बाद जो मूल भाव था जिसमें समानता, पंथ निरपेक्षता और व्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अनुच्छेदों को इसमें सम्मिलित करते हुए अनेक अधिकार और कर्तव्य का सम्मिश्रण किया। नागरिकों के कर्तव्य और मौलिक अधिकारों को सुरक्षित किए जाने हेतु उनकी संख्या निर्धारित की गई तथा संविधान का मूल भाव तैयार करते हुए उसे 26 जनवरी 1950 को अंतिम रूप देकर आधी रात से लागू किया था। हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने संविधान का पालन करें और संविधान के अनुसार ही हमें जो अनुच्छेद 40 और अनुच्छेद 21 में व्यवस्थाएं दी हैं उसके अनुसार हम अपने 11 कर्तव्यों का और 6 अधिकारों का पूर्ण निर्वाहन करें।
इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के सचिव पारस जैन एवं पूर्व अध्यक्ष अशोक शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती प्रीति सिंह, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश देवेश उपाध्याय, न्यायिक मजिस्ट्रेट निवेश जैसवाल, स्वाति जायसवाल एवं सुश्री कृतिका सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदोरिया, डीपीओ एचएस यादव, एडीपीओ उपस्थित थे।
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संविधान ने सबको समानता का अधिकार दिया है : एडीजे
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