गुरु अर्जुनदेव के शहीदी दिवस पर शर्बत बांटा

गुरु अर्जुनदेव के शहीदी दिवस पर शर्बत बांटा

इटारसी। सिखों के पांचवे गुरु, अर्जुनदेव की शहादत दिवस के मौके पर सूरजगंज स्थित स्त्रीसत्संग गुरुद्वारा के सामने राहगीरों को शर्बत का वितरण किया गया। भीषण गर्मी में लोगों को मिले शीतल शर्बत से उनको काफी राहत मिली।
सेवादार राजा जुनेजा के नेतृत्व में उनकी टीम के सदस्यों ने स्त्री सत्संग गुरुद्वारा के बाहर टेंट लगाकर गुरु अर्जुनदेव की शहादत दिवस पर के मौके पर राहगीरों को शर्बत का वितरण किया। गुरु साहिब श्री अर्जुन देव जी महाराज की शहीदी पखवाड़े पर आज सूरजगंज स्त्री सत्संग गुरुद्वारे पर ठंडे मीठे शर्बत की छबील लगायी गयी। गुरु अरदास के बाद राहगीरों को सेवादारों ने ठंडा मीठा शर्बत पिलाया। इस अवसर पर सेवादार राजा जुनेजा, पंकज राठौर, अजय गिल, डब्बू कुकरेजा, सन्नी गंभीर, सतप्रीत सिंह छाबड़ा, इसप्रीत भाटिया, साहेब सिंह जुनेजा, अन्नू मौर्य, सतबीर सिंह छाबड़ा, गोल्डी, रिंकू, राजी, ख़ुशी जुनेजा, सोनिया सहित अनेक सेवादार गुरु सेवा में हाजिर रहे।
बता दें कि अर्जुनदेव सिखों के 5 वे गुरु थे। गुरु अर्जुन देव जी शहीदों के सरताज एवं शान्तिपुंज हैं। आध्यात्मिक जगत में गुरु जी को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उन्हें ब्रह्मज्ञानी भी कहा जाता है। गुरुग्रंथ साहिब में तीस रागों में गुरु जी की वाणी संकलित है। गणना की दृष्टि से श्री गुरुग्रंथ साहिब में सर्वाधिक वाणी पंचम गुरु की ही है। ग्रंथ साहिब का संपादन गुरु अर्जुन देव जी ने भाई गुरदास की सहायता से 1604में किया। ग्रंथ साहिब की संपादन कला अद्वितीय है, जिसमें गुरु जी की विद्वत्ता झलकती है। उन्होंने रागों के आधार पर ग्रंथ साहिब में संकलित वाणियों का जो वर्गीकरण किया है, उसकी मिसाल मध्यकालीन धार्मिक ग्रंथों में दुर्लभ है। यह उनकी सूझबूझ का ही प्रमाण है कि ग्रंथ साहिब में 36 महान वाणीकारों की वाणियां बिना किसी भेदभाव के संकलित हुई।

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