इटारसी। कोरोनाकाल में माता वैष्णो (Mata Vaishno Devi) के दरबार में भक्त अपनी हाजरी लगाने नहीं पहुंच पाये थे। इस वर्ष यह यात्रा 13 जुलाई, मंगलवार को प्रारंभ होगी। यात्रा के लिए पंजीयन का कार्य आज से प्रारंभ हो गया है। जो भक्त मां के दरबार में दर्शन को जाना चाहते हैं, वे यात्रा संयोजक सतीश बतरा और समन्वयक जतिन बतरा से संपर्क करके यात्रा के लिए अपनी सीट आरक्षित करा सकते हैं।
यात्रा के विषय में जतिन बतरा ने बताया कि इस वर्ष 13 जुलाई, मंगलवार को झेलम एक्सप्रेस (Jhelam Express) से सुबह 7:30 बजे यात्रा प्रारंभ होगी। जो लोग जाना चाहते हैं, उनको ट्रेन में आरक्षण कराना होगा। बिना आरक्षण यात्रा संभव नहीं होगी। उन्होंने बताया कि आरक्षण के लिए यात्री की जानकारी उनको देनी होगी ताकि समय से आरक्षण कराके उनकी सीट बुक की जा सके। यानी तीर्थ यात्री का आरक्षण भी यात्रा समिति कराकर देगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी। पिछले वर्ष 10 जुलाई को माता वैष्णोदेवी के दर्शन करने भक्तों का जत्था जाने वाला था। लेकिन, मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद होने के कारण इस यात्रा को स्थगित किया था।
वैष्णो देवी दर्शन यात्रा के संस्थापक सतीश बतरा ने बताया कि यात्रा का यह 43 वा वर्ष होगा। चार दशक से भी अधिक समय तक अनवरत हर वर्ष जाने वाले जत्थे में अब तक 25 हजार से अधिक भक्त मां के दर्शन करने जा चुके हैं। उन्होंने भक्तों से आग्रह किया है कि इस वर्ष माता के दरबार में हाजरी लगाने पहुंचने के इच्छुक भक्त जल्द से जल्द अपना आरक्षण कराने के लिए जतिन बतरा से संपर्क कर लें ताकि उनकी सीट सुरक्षित की जा सके।
5 लोगों ने शुरू की थी यात्रा
साल 1978-79 में 5 लोगों के समूह ने माता वैष्णो देवी के दर्शनों की परंपरा शुरू की थी, फिर हर साल वैष्णो देवी जाना शुरू हो गया और संख्या बढ़ती रही। पहले वर्ष माता दर्शन को जाने वाले सतीश बतरा, अन्नू गुप्ता, बृजमोहन सैनी, रमेश भार्गव और मालवीय गुरूजी ने यात्रा शुरू की। अब हर वर्ष जत्था जाता है। ट्रेन में श्रद्धालुओं के लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन, रात का भोजन और अगले दिन सुबह के नाश्ते की व्यवस्था होती है। बतरा परिवार के साथ अन्य भक्तों का इसमें विशेष सहयोग रहता है।