इटारसी। शहर की जनसंख्या के मान से प्रशासन इटारसी शहर में वैक्सीन (vaccine) की आपूर्ति कर रहा है। पूरे कोरोनाकाल में सबसे अधिक पॉजिटिव मरीज (Positive patient) वाले शहर में प्रशासन ही गंभीरता से नहीं रहा है। इस शहर को केवल 750 वैक्सीन ही मिल रही हैं और वैक्सीनेशन कराने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। आज ऐसे ही हालत शहर के वैक्सीनेशन सेंटर्स पर बन गये।
ऐसे होता है वितरण
शहर के सिविल अस्पताल (Civil hospital) को जो 750 वैक्सीन प्रतिदिन मिलती हैं, उसका वितरण ऐसे होता है कि 150 पुरानी इटारसी, 150 नाला मोहल्ला और 150 रेलवे अस्पताल नयायार्ड को दी जाती हैं। 300 वैक्सीन सिविल अस्पताल में बचती हैं। अब चूंकि जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए लोगों का वैक्सीनेशन सेंटर पर ज्यादा संख्या में पहुंचना हो रहा है तो ये वैक्सीन कम पडऩे लगी हैं। प्रशासन को इटारसी जैसे कोरोना के मामले में संवेदनशील शहर की आवश्यकता को देखते हुए वैक्सीन की संख्या बढ़ाना चाहिए।
पुरानी इटारसी में नाराजी
पुरानी इटारसी बूथ पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और कर्मचारियों पर लोगों ने आरोप लगाया कि वे वैक्सीनेशन के कार्य में अपने परिचितों को ही प्रमुखता दे रहे थे। यहां केवल 150 वैक्सीन आयी थीं, जो दोपहर तक खत्म हो गयीं, जबकि भीड़ कहीं अधिक थी। ऐसे में अधिक संख्या में पहुंचे लोगों को जब वैक्सीन खत्म होने की जानकारी मिली तो वे नाराज हो गये और वहां पदस्थ कर्मचारी और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ही यह कहकर कटघरे में खड़ा कर दिया कि वे अपनों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
ज्यादा वैक्सीन का भरोसा मिला था
पुरानी इटारसी के भाजपा नगर मंडल मयंक महतो (BJP Municipal Board, Mayak Mahato) ने बताया कि रोज की तरह 150 वैक्सीन आयी थी और हमने अधिक की मांग की थी तो हमें भरोसा दिया था कि आज सौ वैक्सीन दोपहर तक और मिल जाएंगी। इसलिए कर्मचारियों ने ज्यादा लोगों के आधार कार्ड रजिस्टे्रशन के लिए ले लिए। अस्पताल से 150 वैक्सीन के बाद सौ और देने का भरोसा दिया था। लेकिन, अस्पताल में ही वैक्सीन कम पड़ गयीं।
एक कारण यह भी
पहले 60 वर्ष से ऊपर वालों को वैक्सीन का डोज दिया जा रहा था, अब यह आयु 45 वर्ष कर दी है तो भीड़ बढऩा स्वभाविक है। पुरानी इटारसी और नाला मोहल्ला में भाजपा कार्यकर्ताओं की पहल पर वैक्सीनेशन प्रारंभ हुआ और वे ही जनजागरण के माध्यम से लोगों को सेंटर पर बुला रहे हैं। आज चूंकि भाजपा के स्थापना दिवस को लेकर बैठक थी तो सेंटर पर अध्यक्ष मयंक महतो भी नहीं थे और ना ही कोई अन्य कार्यकर्ता, ऐसे में यह विवाद खड़ा हो गया।