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सभी अधिकारियों को तीन नए कानून की जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए
- तीन नए कानून को लेकर सभी संभागीय अधिकारियों की कार्यशाला हुई
नर्मदापुरम। 1 जुलाई 2024 से अस्तित्व में आए तीन नए कानून की जानकारी सभी संभागीय अधिकारियों को होनी चाहिए, अधिकारियों को जितनी अच्छी कानून की जानकारी होगी उन्हें कार्य करने में उतनी ही आसानी होगी।
उक्त बात नर्मदा पुरम संभागायुक्त कृष्ण गोपाल तिवारी (Narmada Puram Divisional Commissioner Krishna Gopal Tiwari) ने तीन नए कानून को लेकर आयोजित संभागीय कार्यशाला में कही। कार्यशाला में सभी विभाग के संभागीय अधिकारियों ने अपनी सहभागिता निभाई। संभागीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए संभागायुक्त श्री तिवारी ने कहा कि उक्त कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह था कि, 1 जुलाई से अस्तित्व में आए तीन नए कानून की जानकारी सभी अधिकारियों को होनी चाहिए। अधिकारियों को विस्तार से जानकारी देने का प्रयास किया एवं उसके बाद उनकी परीक्षा लेकर अधिकारियों की जानकारी को परफेक्ट किया। परीक्षा से अधिकारियों के मन के सभी कन्फ्यूजन दूर हुए।
कार्यशाला में डीपीओ राजकुमार नेमा (DPO Rajkumar Nema) एवं असिस्टेंट डीपीओ दिनेश कुमार यादव (Assistant DPO Dinesh Kumar Yadav) ने सरल भाषा में तीन नए कानून की व्याख्या की। श्री नेमा ने बताया कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में त्वरित न्याय, आधुनिक और वैज्ञानिक पद्धति से अनुसंधान, अनुसंधान में पारदर्शिता, पीडि़त केंद्रित को ध्यान में रखते हुए हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के रूप में एक नवीन कानून पारित किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत उन्होंने जमानत, गिरफ्तार व्यक्ति की शिनाख्त, समन का प्रारूप, अभियुक्त की चिकित्सा, समन की तामिली, तलाशी जप्ती की वीडियो रिकॉर्डिंग, अपराध द्वारा प्राप्त संपत्ति के संबंध में कार्रवाई आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। श्री नेमा ने बताया कि नए कानून में जीरो एफआईआर एवं ई एफआईआर पर प्रारंभिक जांच का प्रावधान किया गया है । कार्यशाला में श्री नेमा ने संज्ञेय मामलों का अन्वेषण, अन्वेषण की प्रक्रिया पुलिस द्वारा साक्षी का कथन, पुलिस द्वारा साक्षी का कथन लेने के लिए सूचना देना, मजिस्ट्रेट द्वारा सस्वीकृति और कथन अभी लिखित करना आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी ।
श्री नेमा ने सेक्शन 95 के संबंध में बताया कि अब नए कानून के अनुसार किसी बच्चे को भाड़े पर लेकर अपराध कराया तो संबंधित व्यक्ति को 3 से 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया है। समूह द्वारा हत्या या माव लिंचिंग करने पर मृत्यु दंड का प्रावधान है, यदि कोई व्यक्ति भारत सरकार (Government of India) को धमकी देता है तो उसे आतंकवादी कृत्य की श्रेणी में रखा गया है। विदेश में बैठकर यदि कोई व्यक्ति भारत में अपराध कर रहा है तो उस व्यक्ति को बुलाकर भी दंड अधिरोपित किया जाएगा। श्री नेमा ने बताया कि नए कानून के तहत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को भी मान्य किया है। ईमेल, व्हाट्सएप के संदेश को भी साक्ष्य माना गया है।
जॉइंट कमिश्नर सहकारिता राकेश पांडे (Rakesh Pandey) ने बताया कि नए कानून एवं धारा के बारे में पहली बार इतनी विस्तार से समझाइश दी गई और जितना भी कंफ्यूजन था वह दूर हो गया। जिला मत्स्य अधिकारी वीरेंद्र चौहान (Virendra Chauhan) ने बताया कि कार्यशाला से काफी कुछ सीखने को मिला। संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास हरीकृष्ण शर्मा (Harikrishna Sharma) ने कहा कि तीन नए कानून के संबंध में और उसकी धारा और नियम के बारे में बहुत विस्तार से जानकारी दी गई जो उन्हें समझ में आई।
जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती निशा चौहान (Nisha Chauhan) ने बताया कि ट्रांसजेंडर एवं अन्य व्यक्तियों के संबंध में नए कानून में जो प्रावधान किया गया है वह बहुत ही शानदार है। वन विभाग के एसडीओ श्री श्रीवास्तव ने इतनी अच्छी कार्यशाला के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि अब नए कानून को समझने में आसानी होगी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दहेलवार ने बताया कि नए कानून में सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया है जो कि बहुत एक अच्छा पॉइंट है। डिप्टी कलेक्टर डॉ. बबीता राठौर ((Dr. Babita Rathore)) ने सामुदायिक सेवा एवं अन्य दंड संहिता, आतंकवाद विरोधी कारवाई की विस्तार से जानकारी देने आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में अपर आयुक्त आरपी सिंह, उपायुक्त राजस्व गणेश जायसवाल, संयुक्त उपायुक्त जीसी दोहर सहित सभी संभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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