- अखिलेश शुक्ल
बॉलीवुड संगीत की दुनिया में अगर किसी शख्सियत का नाम हमेशा अमर रहेगा, तो वह हैं आनंद बख्शी। एक ऐसा नाम जिन्होंने सात दशकों तक हिंदी सिनेमा के गीतों में जान फूंकी और लगभग 4000 से ज्यादा गाने लिखे, जो आज भी हर दिल की धड़कन बने हुए हैं। आनंद बख्शी साहब सिर्फ गीतकार नहीं, भावनाओं के शिल्पकार थे, जिन्होंने आम जिंदगी के जज्बातों को बेहद सरल और दिल छूने वाले शब्दों में पिरोया।
आनंद बख्शी: एक परिचय
आनंद बख्शी का जन्म 21 जुलाई 1930 को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) हुआ था। उन्होंने गीत लेखन के साथ-साथ कुछ फिल्मों में गाने गाए भी हैं। मगर उनकी असली पहचान बनी एक गीतकार के तौर पर, जिनके लिखे शब्दों ने पीढ़ियों को प्रभावित किया। उनकी सबसे खास बात थी तेजी से और सटीक लिखने की कला। एक बार अगर सिचुएशन समझ में आ जाए, तो वे 8-10 मिनट में ही पूरा गाना तैयार कर देते थे। कई बार निर्देशक और संगीतकार हैरान रह जाते कि बख्शी साहब कब चुपचाप गीत पूरा कर बैठे।
फिल्मफेयर अवॉर्ड्स और पहचान
बख्शी साहब को 40 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन मिला और उन्होंने 4 बार यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड अपने नाम किया। उनकी खासियत थी – सरल भाषा, दिल को छू लेने वाली भावनाएं और हर वर्ग के लिए सुलभ शैली।
आनंद बख्शी के कुछ एवरग्रीन गाने, जो आज भी याद किए जाते हैं
1. मेरे महबूब क़यामत होगी
फिल्म: Mr. X in Bombay
गायक: किशोर कुमार
यह गाना किशोर कुमार के करियर का मील का पत्थर बना और आनंद बख्शी की लेखनी को अमर कर गया। इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसे कई बार रीक्रिएट किया जा चुका है।
2. आने से उसके आए बहार
फिल्म: Jeene Ki Raah
गायक: मोहम्मद रफ़ी
जीतेन्द्र की ऑन-स्क्रीन उपस्थिति और रफी साहब की आवाज़ में बख्शी साहब के बोलों ने इस गाने को यादगार बना दिया।
3. कुछ तो लोग कहेंगे
फिल्म: Amar Prem
गायक: किशोर कुमार
यह गाना सिर्फ मनोरंजन नहीं, ज़िंदगी का फलसफा है। आनंद बख्शी ने बड़े ही सरल शब्दों में समाज की सोच और व्यक्ति की स्वतंत्रता को उजागर किया।
4. सावन का महीना
फिल्म: Milan
रोमांटिक गानों की बात हो और आनंद बख्शी का नाम न हो, ऐसा हो नहीं सकता। इस गाने में प्रेम और मौसम का अद्भुत मेल दिखता है।
5. अच्छा तो हम चलते हैं
फिल्म: Aan Milo Sajna
गायक: किशोर कुमार, लता मंगेशकर
संगीतकार: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
बिदाई की घड़ी में यह गीत आज भी हर दिल को नम कर देता है।
6. हम तुम एक कमरे में बंद हों
फिल्म: Bobby
गायक: शैलेंद्र सिंह, लता मंगेशकर
यह गाना आज भी युवाओं के बीच लोकप्रिय है। बख्शी साहब ने इसमें शरारती रोमांस और मासूमियत को बेहद खूबसूरती से पिरोया।
आपके उनके कौनसे गीत पसंद है? कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में बताएं।
आनंद बख्शी के गीतों की खासियत
साधारण भाषा में असाधारण भाव
हर उम्र, हर वर्ग को जोड़ने की ताकत
हर परिस्थिति के लिए सटीक गीत
भावनात्मक गहराई और काव्यात्मक सौंदर्य
निष्कर्ष
आनंद बख्शी की कलम से निकले शब्द केवल गीत नहीं थे, वे समाज, प्रेम, और इंसानी भावनाओं का आईना थे। उनका हर गीत आज भी उतना ही ताज़ा लगता है जितना सालों पहले लगता था। उनका योगदान केवल बॉलीवुड तक सीमित नहीं, बल्कि हिंदी भाषा के सांस्कृतिक खजाने में भी अमूल्य योगदान है।
उन्हें याद करना मात्र एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक युग को सम्मान देना है।
उनके गीतों के बोल आज भी दिलों में धड़कते हैं, और शायद हमेशा धड़कते रहेंगे

अखिलेश शुक्ला
सेवानिवृत्त प्राचार्य, लेखक ब्लॉगर
इ-समीक्षक, लेखक व साहित्यकार