अप्रैल में सुखतवा नदी पर टूटाथा डेढ़ सौ वर्ष पुराना पुल
इटारसी। नेशनल हाईवे 46 पर सुखतवा नदी (Sukhtawa bridge,NH 46) पर सेना ने बेली ब्रिज
(Bailey Bridge) के लिए दोबारा सर्वे किया है। अप्रैल माह में भी आर्मी की एक टीम आकर सर्वे करके जा चुकी थी। हालांकि हेड क्वार्टर से यस होने के बाद ब्रिज बनाने की बात कही थी, लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। अब लगातार हो रही बारिश के बाद बार-बार नेशनल हाईवे बंद होने के बाद प्रशासन ने इस दिशा में फिर काम किया और आर्मी ने पुन: सर्वे किया। इस दौरान स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी उनके साथ रहे।
उल्लेखयनीय है कि अप्रैल माह में नेशनल हाईवे पर टूटे डेढ़ सदी पुराने पत्थर पुल के बाद एनएचएआई ने आनन-फानन में यहां एक अस्थायी पुल बनाया था, लेकिन उसकी ऊंचाई अधिक नहीं होने से बारिश के सीजन में यह आधा दर्जन बार बंद हो चुका है। इस मार्ग पर कई घंटे तक यातायात रुकने के बाद अब पुन: यहां पर बेली ब्रिज बनाने की कवायद प्रारंभ हो गयी है। लगातार बारिश के कारण फोरलेन पर बन रहे पुल का काम भी लगभग बंद जैसा है, ऐसे में यातायात के लिए बेली ब्रिज ही एकमात्र विकल्प है। अच्छी खबर यह है कि अब सेना यहां बेलीब्रिज बनायेगी तो यातयात अबाध गति से चल सकेगा।
बताया जाता है कि सेना की टीम ब्रिज निर्माण का काम प्रारंभ कर देगी और लगभग तीन दिन में ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा। ब्रिज तैयार होते ही यहां से यातायात बहाल हो जाएगा। सेना की टीम ने टूटे हुए ब्रिज की तकनीकि तौर पर पड़ताल की और आगे की संभावनाएं तलाशीं।
40 टन क्षमता का होगा बेली ब्रिज
आर्मी की इंजीनियरिंग टीम के अनुसार जो ब्रिज टूटा है, उसी पर एक बेली ब्रिज तैयार करने किया जाएगा। बेलीब्रिज वह ब्रिज है तो सेना पहाड़ों पर लोहे के गर्डर से शीघ्रता से तैयार करती है। यह इतना मजबूत होता है कि इस पर से आर्मी के टैंक, वाहन, माल वाहक वाहन भी गुजर जाते हैं। यह खासकर पहाड़ी नदियों पर बनता है। यहां बनने वाला बेली ब्रिज 40 टन भार क्षमता का हो सकता है जिस पर रूटीन के वाहन बस, कार, डंपर आदि निकल सकें। रूटीन के वाहन निकालकर व्यवस्था बहाल करने के लिए आर्मी तैयारी कर रही है।
इनका कहना है…
सेना की टीम ने आकर ब्रिज देखा और सर्वे करके नापजोख किया है। आशा करते हैं कि हेड क्वार्टर से सामग्री मिलने पर सेना बेली ब्रिज का काम प्रारंभ करेगी और संभवत: तीन दिन में ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा।
मदन सिंह रघुवंशी, एसडीएम इटारसी